हिंदू पंचांग के अनुसार आज आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि है। आज अश्विनी नक्षत्र के साथ इस दिन की शुरूआत हो रही है। साथ अतिगण्ड योग और सुकर्मा योग भी बन रहा है। ज्योतिष गणना के हिसाब से इस दिन चंद्रमा मेष राशि में रहेंगे। आज शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा विधिवत रूप से करने का विधान है। ऐसा कहा जाता है कि शनिदेव की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति पर शनिदेव की कृपा बनी रहती है और कुंडली में स्थित शनि की स्थिति मजबूत हो सकती है। अब ऐसे में आज 21 जून शनिवार को किस मुहूर्त में शनिदेव की पूजा करने से लाभ हो सकता है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
आज का पंचांग 21 जून 2025
तिथि | नक्षत्र | दिन/वार | योग | करण |
कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि | अश्विनी नक्षत्र | शनिवार | अतिगण्ड योग और सुकर्मा योग | बव और बालव |
आज सूर्य और चंद्रमा का समय 21 जून 2025
सूर्योदय |
सुबह 5 बजकर 46 मिनट से लेकर |
सूर्यास्त | शाम 7 बजकर 11 मिनट तक |
चंद्रोदय | प्रात: 01 बजकर 42 मिनट से लेकर |
चंद्रास्त | सुबह 03 बजकर 01 मिनट तक |
आज का शुभ मुहूर्त और योग 21 जून 2025
ब्रह्म मुहूर्त | सुबह 04 बजकर 09 मिनट से लेकर सुबह 04 बजकर 57 मिनट तक |
अमृत काल | दोपहर 01 बजकर 43 मिनट से लेकर दोपहर 03 बजकर 11 मिनट तक |
अभिजीत मुहूर्त | दोपहर 12 बजकर 01 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 55 मिनट तक |
विजय मुहूर्त | दोपहर 02 बजकर 42 मिनट से लेकर दोपहर 03 बजकर 38 मिनट तक |
गोधूलि मुहूर्त | शाम 07 बजकर 19 मिनट से लेकर शाम 07 बजकर 40 मिनट तक |
निशिता मुहूर्त | रात 12 बजकर 02 मिनट से लेकर रात 12 बजकर 42 मिनट तक |
संध्या मुहूर्त | शाम 7 बजकर 21 मिनट से लेकर शाम 8 बजकर 21 मिनट तक |
आज का अशुभ मुहूर्त 21 जून 2025
राहु काल | सुबह 09 बजकर 07 मिनट से लेकर 10 बजकर 48 मिनट तक |
गुलिक काल | सुबह 05 बजकर 46 मिनट से लेकर सुबह 07 बजकर 26 मिनट तक |
यमगंड | दोपहर 02 बजकर 09 मिनट से लेकर दोपहर 03 बजकर 49 मिनट तक |
दिशाशूल | पूर्व दिशा, यात्रा करने से पहले दही-चीनी जरूर खाकर निकलें |
दुर्मुहूर्त | सुबह 10 बजकर 14 मिनट से लेकर सुबह 11 बजकर 07 मिनट तक |
आज पर्व और त्योहार 21 जून 2025
पंचांग के हिसाब से आज आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि है। आज शनिवार का दिन शनिदेव की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति की सभी परेशानियां दूर हो सकती है और भाग्योदय हो सकता है। वहीं आज योगिनी एकादशी का व्रत भी रखा जा रहा है। इस दिन विष्णु जी की पूजा करने का विधान है। इस दिन दान-पुण्य करने का भी विधान है।
योगिनी एकादशी की पूजा का शुभ मुहूर्त
21 जून को योगिनी एकादशी पर भद्रा का साया भी रहेगा। ऐसे में, शुभ फल प्राप्त करने के लिए भद्रा समाप्त होने के बाद ही पूजा और व्रत की शुरुआत करना अधिक फलदायी होगा। 21 जून को सुबह 7:18 बजे के बाद भगवान विष्णु की पूजा और एकादशी व्रत की विधियां आरंभ कर सकते हैं।
एकादशी तिथि का प्रारंभ - 21 जून 2025, सुबह 7 बजकर 18 मिनट पर।
एकादशी तिथि का समापन - 22 जून 2025, सुबह 4 बजकर 27 मिनट पर।
आज शनिवार के उपाय 21 जून 2025
शनिवार का दिन भगवान शनिदेव को समर्पित है। ज्योतिष शास्त्र में शनिदेव को न्याय का देवता और कर्मफल दाता माना जाता है। उनकी कृपा से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और समस्याओं का निवारण होता है। यदि आपकी कुंडली में शनि की स्थिति कमजोर है या आप शनि की साढ़े साती या ढैय्या से गुजर रहे हैं, तो इन उपायों को अपनाकर आप शनिदेव को प्रसन्न कर सकते हैं और उनके नकारात्मक प्रभावों को कम कर सकते हैं।
शनिवार के दिन किसी भी शनि मंदिर में जाकर शनिदेव के दर्शन करें और उनकी विधिवत पूजा करें। शनिदेव को सरसों का तेल, काले तिल, काले वस्त्र और नीले फूल अर्पित करें। शनि चालीसा का पाठ करें और आरती करें। इससे शनिदेव प्रसन्न होते हैं और आपकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
शनिवार को 'ऊं शं शनैश्चराय नमः' मंत्र का 108 बार जाप करें। इसके अलावा, दशरथ कृत शनि स्तोत्र का पाठ करना भी बहुत लाभकारी होता है। ये मंत्र और स्तोत्र शनि के अशुभ प्रभावों को कम करते हैं और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करते हैं।
शनिवार को दान करना अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है। काले तिल, उड़द की दाल, सरसों का तेल, काले वस्त्र, कंबल और लोहे की वस्तुएं दान करें।
आज शनिवार के खास मंत्र 21 जून 2025
ऊं प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः
ऊं शनैश्चराय विद्महे छायापुत्राय धीमहि तन्नो मंदः प्रचोदयात्
ऊं शं नो देवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये। शं योरभि स्रवन्तु नः
कोणस्थः पिंगलो बभ्रुः कृष्णो रौद्रोऽन्तको यमः। सौरिः शनैश्चरो मंदः पिप्पले न संस्तुत
21 जून 2025 आज के पंचांग का महत्व
आज आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि है। साथ ही आज शनिवार का दिन है। इस दिन शनिदेव की पूजा करने से व्यक्ति को साढे़साती के अशुभ प्रभावों से छुटकारा मिल सकता है और व्यक्ति की मनोकामनाएं पूरी हो सकती है। इसके अलावा इस दिन मंत्रों का जाप करने का भी विधान है। वहीं इस दिन योगिनी एकादशी का व्रत भी रखा जा रहा है।
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Image Credit- HerZindagi
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