
1 नवंबर 2025 का दिन शनिवार होगा और यह कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि रहेगी जिसका एक मुख्य आकर्षण यह है कि इसी दिन देवउठनी एकादशी की शुरुआत हो जाएगी जिससे भगवान विष्णु चार महीने की योगनिद्रा से जागने लगते हैं और इसी के साथ विवाह और अन्य सभी मांगलिक कार्य फिर से शुरू हो जाते हैं। इस दिन शतभिषा नक्षत्र और कुंभ राशि में चंद्रमा रहेगा तथा शुभ कार्यों के लिए अभिजीत मुहूर्त भी उपलब्ध होगा जिससे यह दिन धार्मिक और शुभ कार्यों की शुरुआत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। ऐसे में आइये जानते हैं एमपी, छिंदवाड़ा के ज्योतिषाचार्य पंडित सौरभ त्रिपाठी से आज का पंचांग।
| तिथि | नक्षत्र | दिन/वार | योग | करण |
| कार्तिक शुक्ल दशमी (सुबह 09:13 बजे तक)/एकादशी | शतभिषा | शनिवार | ध्रुव | गर |

| प्रहर | समय |
| सूर्योदय | सुबह 06:33 बजे |
| सूर्यास्त | शाम 05:36 बजे |
| चंद्रोदय | रात 02:44 बजे |
| चंद्रास्त | दोपहर 02:48 बजे (अगले दिन) |
| मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
| ब्रह्म मुहूर्त | सुबह 04:50 बजे से सुबह 05:41 बजे तक |
| अभिजीत मुहूर्त | दोपहर 11:42 बजे से दोपहर 12:27 बजे तक |
| अमृत काल | सुबह 11:02 बजे से दोपहर 12:36 बजे तक |
| विजय मुहूर्त | दोपहर 01:55 बजे से दोपहर 02:39 बजे तक |
| गोधूलि मुहूर्त | शाम 05:36 बजे से शाम 06:02 बजे तक |
| मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
| राहु काल | सुबह 09:20 से 10:42 तक |
| गुलिक काल | सुबह 06:37 से 07:58 तक |
| यमगंड | दोपहर 01:26 से 02:48 तक |

1 नवंबर 2025 को देवउठनी एकादशी का महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार मनाया जाएगा। इस दिन भगवान विष्णु चार महीने की योगनिद्रा से जागते हैं, इसलिए इसे 'देवउठनी' एकादशी कहा जाता है। यह दिन चातुर्मास की समाप्ति का प्रतीक है, जिसके बाद से शादी, गृह प्रवेश जैसे सभी शुभ और मांगलिक कार्य फिर से शुरू हो जाते हैं। इस दिन भक्त भगवान विष्णु की विशेष पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं ताकि उन्हें पुण्य मिल सके।
इसी एकादशी के साथ ही तुलसी विवाह का त्योहार भी संपन्न किया जाता है। हालांकि, कुछ कैलेंडर में तुलसी विवाह 2 नवंबर को भी बताया गया है, पर एकादशी तिथि 1 नवंबर को होने के कारण इस दिन इसका महत्व अधिक है। तुलसी विवाह में तुलसी के पौधे का विवाह भगवान शालिग्राम से कराया जाता है। यह विवाह असल में शुभ कार्यों की शुरुआत की खुशी में एक प्रतीकात्मक विवाह समारोह होता है, जो घरों में खुशी और समृद्धि लाता है।
1 नवंबर 2025 को देवउठनी एकादशी का पवित्र दिन है, जिसका हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु चार महीने की योगनिद्रा से जागते हैं और इसी के साथ सभी शुभ और मांगलिक कार्य फिर से शुरू हो जाते हैं। इस दिन सुबह जल्दी उठकर, स्नान करके पीले रंग के साफ कपड़े पहनें। इसके बाद भगवान विष्णु की पूजा करें, उन्हें पीले फूल, फल और मिठाई चढ़ाएँ। भगवान को तुलसी का पत्ता ज़रूर अर्पित करें, क्योंकि तुलसी उन्हें बहुत प्रिय है। इस दिन व्रत रखने और विष्णु सहस्त्रनाम या किसी भी विष्णु मंत्र का जाप करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और सभी परेशानियां दूर होती हैं।
इस शुभ दिन पर, आप कुछ और उपाय भी कर सकते हैं। देवउठनी एकादशी के दिन तुलसी के पौधे की पूजा करना और उसके पास शाम को घी का दीपक जलाना बहुत अच्छा माना जाता है। इस दिन दान करना भी बहुत फलदायी होता है। आप अपनी क्षमता के अनुसार किसी गरीब या ज़रूरतमंद व्यक्ति को अन्न, वस्त्र या धन का दान कर सकते हैं। साथ ही, झूठ बोलने या किसी को धोखा देने से बचें और मन को शांत रखें। पूरे दिन सात्विक भोजन करें और भगवान विष्णु का ध्यान करते रहें। ऐसा करने से आपको भगवान विष्णु का विशेष आशीर्वाद मिलेगा और जीवन में खुशियां बढ़ेंगी।
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image credit: herzindagi
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