लंग या फेफड़ों का कैंसर एक ऐसा कैंसर हैं जो महिला और पुरुष दोनों के लिए सबसे घातक कैंसर है और इस कैंसर के होने का मुख्य कारण स्मोकिंग है। इससे हर साल कई महिला-पुरुष मौत के मुंह में जाते हैं। आपको यह जानकार हैरानी होगी की कई देशों में फेफड़ों के कैंसर से मरने वाली महिलाओं की संख्या स्तन कैंसर से मरने वाली महिलाओं से बहुत ज्यादा है। लंग कैंसर के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
धूम्रपान और नशे बहुत ज्यादा करने से फेफड़े में जब टार की मात्रा काफी बढ़ जाती है तो फेफड़े का कैंसर होता है। इसके अलावा अगर टीबी का इलाज सही से नहीं होता है या टीबी की दवाई का कोर्स मरीज आधे में ही छोड़ देता है तो भी फेफड़े के कैंसर की संभावना बढ़ जाती है। स्वामी परमानंद प्राकृतिक चिकित्सालय (एसपीपीसी) के नेचुरोपैथी एक्सपर्ट प्रमोद बाजपाई ''स्मोकिंग फेफड़ों के कैंसर की सबसे बड़ी वजह मानी जाती है। धूम्रपान न केवल सिगरेट पीने वालों, बल्कि धुएं के संपर्क में आने वालों को भी प्रभावित करता है। इसलिए इससे दूरी बनाकर रखना बेहद जरूरी है।'' नेचुरोपैथी एक्सपर्ट प्रमोद यह भी कहते हैं कि ''स्मोकिंग छोड़ने के अलावा अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव और कुछ हर्ब्स को शामिल करना बेहद जरूरी है। गिलोय, तुलसी, वासा जैसे कुछ हर्ब्स को अगर आप अपने डेली रूटीन में लेती हैं तो इस समस्या को रोकने और कंट्रोल करने में मदद मिलती है।'' आइए नेचुरोपैथी एक्सपर्ट प्रमोद बाजपाई से इन आयुर्वेदिक हर्ब्स के बारे में जानें।
लंग कैंसर का काल हैं ये 5 आयुर्वेदिक herbs
अगर आप कुछ हर्ब्स को अपने डेली रूटीन में लेती हैं तो लंग कैंसर को रोकने और कंट्रोल करने में मदद मिलती है। आइए नेचुरोपैथी एक्सपर्ट प्रमोद बाजपाई से इन आयुर्वेदिक हर्ब्स के बारे में जानें।