पानी के बिना लाइफ की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। लेकिन पानी पीने को लेकर कई बातें सुनने को मिलती है। जैसे बॉडी को हेल्दी रखने के लिए दिनभर में कम से कम आठ से दस गिलास पानी जरूर पीना चाहिए, खाने के साथ पानी नहीं पीना चाहिए, प्यास लगने पर एकदम ज्यादा मात्रा में पानी नहीं पीना चाहिए और ना जाने क्या-क्या।
आयुर्वेद में माना जाता है कि पानी पीना हेल्थ के लिए अच्छा होता है, लेकिन तब जब सही मात्रा और सही तरीके से पिया जाए। अगर पानी को गलत तरीके से पिया जाए या गलत समय में अधिक मात्रा में पिया जाए तो यह आपकी बॉडी को नुकसान पहुंचा सकता है। आइए जानें कि आयुर्वेद के अनुसार पानी पीते कितन बातों को ध्यान में रखना बहुत जरूरी है।
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एकदम से ज्यादा पानी पीने से बचें
प्यास लगने पर एकदम से ज्यादा मात्रा में पानी ना पिएं। ऐसा करने से पित्त और कफ दोष संबंधित बीमारियां होने की संभावना बढ़ जाती है। पानी को गर्म चाय की तरह एक-एक घूंट लेकर पीना चाहिए।
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खाना खाने के बाद पानी पीने से बचें
खाना खाने के बाद पानी पीने से बॉडी में भारीपन तो आता ही है साथ ही आमाशय के ऊपरी भाग में कफ की बढ़ोतरी होती है। सरल शब्दों में कहा जाए तो खाने के तुरंत बाद अधिक मात्रा में पानी पीने से मोटापा बढ़ता है व कफ संबंधी समस्याएं भी परेशान कर सकती हैं।
खाने के बीच में थोड़ा पानी पीना
खाने के बीच में थोड़ी मात्रा में पानी पीना बॉडी के लिए अच्छा होता है। आयुर्वेद के अनुसार खाने के बीच में पानी पीने से शरीर की धातुओं में समानता आती है और खाना बेहतर ढंग से पचता है।
बैठकर पानी पीना चाहिए
जिस तरह हम बैठकर खाना खाते हैं वैसे ही हमें पानी भी हमेशा बैठकर पीना चाहिए।
पाचन के लिए जरूरी पानी ही पिएं
पानी उतना ही पीना चाहिए जो पाचन के लिए जरूरी हो, जरूरत से ज्यादा पानी पीने से डाइजेशन धीमा हो सकता है। इसलिए खाने की मात्रा के अनुसार ही पानी पीना शरीर के लिए उचित रहता है।
तांबे के बर्तन में पानी
अगर आप तांबे के बर्तन में पानी पीती हैं तो 3 महीने बाद कुछ हफ्तों का गैप लीजिए। जिसक बाद आप उसे दोबारा शुरू कर सकती हैं।
पानी हमारे बॉडी का महत्वपूर्ण हिस्सा है। सही तरीके से पानी पीना सेहतमंद शरीर के लिए बहुत जरूरी है।
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Producer: Rohit Chavan
Editor: Anand Sarpate