Lord Vishnu: भगवान विष्णु के भयंकर 8 छल


Gaveshna Sharma
22-05-2023, 08:56 IST
gbsfwqac.top

    धर्म ग्रंथों से यह पता चलता है कि भगवान विष्णु ने अनेकों बार सृष्टि की रक्षा के लिए भिन्न-भिन्न अवतार लिए हैं, कई लीलाएं रचाई हैं और कई छल भी किये हैं। ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स से आज हम भगवान विष्णु के भयंकर छलों के बारे में जानेंगे।

नारद जी को बनाया बंदर

    एक बार नारद जी को इस बात का घमंड हो गया था कि वह सांसारिक मोह-माया से ऊपर उठ चुके हैं और उनका यही घमंड तोड़ने के लिए श्री हरि विष्णु ने उन्हें वानर बना दिया था।

भगवान शिव के बचाए प्राण

    भगवान शिव ने भस्मासुर को वरदान दिया था कि वह जिसके भी सिर पर हाथ रखेगा वो व्यक्ति भस्म हो जाएगा। भस्मासुर ने महादेव के ही साथ ऐसा करना चाहा। तब श्री विष्णु ने मोहिनी रूप धर छल से उसका वध किया था।

देवी वृंदा को छला

    जालंधर को हरा पाना मुश्किल था क्योंकि देवी वृंदा विष्णु भक्त थीं और पवित्रता के साथ-साथ सतित्व में भी उत्तम थीं। उनका यही सतीत्व हर बार जालंधर को बचा लेता था। तब भगवान विष्णु ने छल से देवी वृंदा की पूजा भंग की थी।

असुरों से की अमृत की रक्षा

    समुद्र मंथन के दौरान जब अमृत कलश बाहर आया तब असुरों ने देवताओं से कलश छीन लिया था। तब भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धर असुरों से अमृत कलश की रक्षा की और देवताओं को अमृत पान कराया था।

शुक्राचार्य को सबक सिखाया

    वामन अवतार के समय में जब शुक्राचार्य राजा बलि को दान देने से रोकने के लिए उनके कमंडल में जा बैठे थे तब भगवान विष्णु ने छल से कमंडल के छेड़ में सींख डाल गुरु शुक्राचार्य की आंख फोड़ दी थी।

राजा बलि से छीना राजपाट

    राजा बलि एक असुर थे लेकिन उनकी यह विशेषता थी कि वह दानी, सत्यवादी और धर्मपरायण थे। उन्होंने अपने बल से देवताओं का आसन छीन लिया था तब भगवान विष्णु ने छल से राजा बलि से 3 पग भूमि के बहाने पूरा विश्व मांग लिया था।

महादेव से छीना बद्री धाम

    भगवान विष्णु को तपस्या के लिए एक स्थान की आवश्यकता थी। भगवान विष्णु को बद्रीधाम याद आया। भगवान विष्णु बदरीनाथ धाम में तपस्या के लिए बैठ गए और भगवान शिव को यह स्थान छोड़ना पड़ा। यह भगवान विष्णु का मधुर छल था।

    अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो लाइक और शेयर करें। इस तरह की अन्य जानकारी के लिए क्लिक करें herzindagi.com