शादी के बाद बेटी भी बेटों की तरह रख सकती हैं माता-पिता का ख्याल, कुछ ऐसे मैं निभा रही हूं अपनी जिम्मेदारी

लड़कियों को अक्सर बचपन से यही सिखाया जाता है कि शादी के बाद उन्हें दूसरे घर जाना है और उस घर की सारी जिम्मेदारी निभानी है। लेकिन, क्या शादी करके ससुराल जाने पर अपने माता-पिता के लिए मेरी जिम्मेदारी खत्म हो जाती है। माफ कीजिएगा, पर मैं ऐसा बिल्कुल नहीं मानती हूं।  
image

"शादी करके तुम्हें दूसरे घर जाना है...शादी के बाद तुम्हारा ससुराल ही तुम्हारा घर होगा...मायके तो बस कभी-कभार आना होगा...उस घर की सारी जिम्मेदारी तुम्हारे ही कंधो पर होगी.... ।" उफ्फ... अगर आप भी मेरी तरह एक मिडिल क्लास फैमिली में पली-बड़ी हैं, तो आपने भी ये बातें अपने पेरेंट्स से या घर के बड़ों से अक्सर सुनी होंगी।
और जब शादी करके लड़की ससुराल पहुंचती है, तो सबसे पहले उसे सिखाया जाता है कि अब इस घर में एडजस्ट करने के लिए, उसे अपने मायके का मोह छोड़ना होगा...जिस मां ने जिंदगी दी और जिस पिता ने जिंदगी के घर कदम पर साया बनकर साथ दिया, उनसे रिश्ते की डोर जरा कमजोर करनी होगी ताकि नए रिश्तों को डोर बांधी जा सके। लेकिन, माफ कीजिएगा ये दोनों की बातें मेरी समझ से परे हैं।
मेरा नाम पायल कपूर है। मैं शादीशुदा हूं और एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करती हूं। ये दोनों बातें जिनका मैंने उदाहरण दिया, ये लगभग हर लड़की की जिंदगी का हिस्सा रही हैं और मेरी जैसी ने जाने कितनी लड़कियां इन बातों से इत्तेफाक रखती होंगी। बहुत सारी लड़कियां ऐसी भी होंगी, जो दिल पर पत्थर रखकर इन बातों को फॉलो भी करती होंगी। लेकिन, क्या वाकई एक लड़की से यह उम्मीद रखना कि शादी के बाद, वह एक नए घर में इस तरह रच-बस जाए कि अपने घर-परिवार और यहां तक कि अपने माता-पिता को ही भूल जाए। ये बात मेरी समझ से हमेशा परे रही और इसलिए, मैंने यह तय किया था कि शादी के बाद भी अपने मां-पापा के लिए अपनी जिम्मेदारी को पूरे दिल और जान से निभाऊंगी। आखिर एक बेटी भी तो बेटों की तरह पेरेंट्स का ध्यान रख सकती है।

रोजाना करती हूं वीडियो कॉल

tips for married women
शादी करके लड़की को एक नए घर जाना होता है और पेरेंट्स पीछे छूट जाते हैं। इस कायदे को तो मैं नहीं बदल सकती। लेकिन, शादी के बाद मम्मी-पापा का ध्यान रखने के लिए उनसे लगातार टच में रहना सबसे जरूरी था इसलिए मैं उन्हें रोज वीडियो कॉल करती हूं। चाहे ऑफिस में या घर में किसी भी समय वक्त निकालकर, मैं दोनों से वीडियो कॉल कर बात करती हूं और जानने की कोशिश करती हूं कि वो ठीक हैं...उन्हें किसी चीज की जरूरत तो नहीं है या फिर अगर कुछ ऐसा है, जो वो मुझे कहना चाहते हैं, तो मैं जरूर सुनती हैं।

मम्मी-पापा को समझाई ये जरूरी बात

शादी के बाद, अक्सर पैरेंट्स अपनी बेटियों को अपनी तकलीफ, जरूरत या बाकी कई चीजों को बताने से हिचकिचाने लगते हैं। उन्हें लगता है कि इसका असर बेटी की शादीशुदा जिंदगी पर होता है। लेकिन, मेरी शादी होने से कुछ दिन पहले मैंने अपने मम्मी-पापा के साथ बैठकर, उन्हें बहुत प्यार से ये बात समझाई थी कि वो ऐसा बिल्कुल न करें। आज भी अगर बात करते समय मुझे उनकी आवाज में झिझक या चेहरे पर शिकन नजर आती है, तो मैं उन्हें तुरंत पूछती हूं कि क्या बात है।

साथ होने का एहसास है जरूरी

how to take care of older parents after wedding

मेरा मायका और ससुराल एक ही शहर में है। मैं हर दूसरे वीकेंड पर अपने मायके जाती हूं, मम्मी-पापा के साथ वक्त बिताती हूं और पुरानी यादों को जीने की कोशिश करती हूं। यह मैंने अपने शिड्यूल में जोड़ा हुआ है और जब तक कुछ बहुत ही अर्जेंट न हो, मैं इसे नहीं बदलती हूं।

फाइनेंशियली सपोर्ट का भी रखें ध्यान

अक्सर हमारी प्रोग्रेसिव सोसाइटी में भी शादी के बाद माता-पिता से बेटी को सब कुछ देने की उम्मीद तो की जाती है। लेकिन, बेटी से कुछ लेना गलत समझा जाता है। लेकिन, आखिर ऐसा क्यों है। मेरे मम्मी-पापा ने मुझे अपने पैरों पर खड़ा किया है। आज मैं जो कुछ भी अर्न कर रही हूं, उसमें उनका सपोर्ट तो हमेशा रहा ही है। ऐसे में मैं पूरी कोशिश करती हूं कि उन्हें फाइनेंशियली भी सपोर्ट कर सकूं।

tips to take care of parents after wedding

पायल कपूर

(लेखिका एक प्राइवेट जॉब करती हैं, स्टोरी में व्यक्त किए गए विचार उनके अपने हैं।)

इस आर्टिकल के बारे में अपनी राय भी आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। साथ ही,अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हर जिन्दगी के साथ

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP