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मैंने लिया जिंदगी का अहम फैसला... जब घर वालों को समझ नहीं आई मेरी प्रेम कहानी...

मैंने भी यही सोचा था कि जब शादी का समय आएगा, तो जो भी परिवार तय करेगा, मैं वही मानूंगी लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।
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Editorial
Updated:- 2025-01-31, 18:31 IST

प्यार एक ऐसा एहसास जो दिल की गहराइयों में उतरकर हमारी पूरी जिंदगी बदल सकता है। जब यह एहसास दिल में बस जाता है, तो कोई भी बाधा इसे रोक नहीं सकती। लेकिन जब यही प्यार परिवार और समाज की सोच से टकराता है, तो यह संघर्ष बन जाता है। मेरी प्रेम कहानी भी कुछ ऐसी ही थी जहां मैंने अपने दिल की सुनी, लेकिन घर वालों को मेरा फैसला समझ नहीं आया।

पहली मुलाकात से शुरू हुआ यह सफर

मेरा नाम आयुषी है। मैं एक मध्यमवर्गीय परिवार में पली-बढ़ी, जहां संस्कारों और परंपराओं को बहुत महत्व दिया जाता था। मेरे माता-पिता ने हमेशा मुझे सिखाया कि हमें समाज की मर्यादाओं के अनुसार ही चलना चाहिए। मैंने भी यही सोचा था कि जब शादी का समय आएगा, तो जो भी परिवार तय करेगा, मैं वही मानूंगी लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।

कॉलेज में मेरी मुलाकात आरव से हुई। वह मुझसे एक साल सीनियर था, पढ़ाई में तेज, लेकिन बहुत ही सहज और जमीन से जुड़ा हुआ। पहली मुलाकात में ही हम दोनों के बीच एक खास तरह की दोस्ती हो गई थी। उसकी बातें मुझे अच्छी लगती थीं। हम घंटों तक पढ़ाई और जिंदगी को लेकर बातें करते रहते। धीरे-धीरे यह दोस्ती गहरी होती गई और मुझे एहसास हुआ कि यह सिर्फ दोस्ती नहीं, उससे कहीं ज्यादा है।

जब दिल ने अपनी राह चुनी

एक दिन आरव ने मुझसे कहा, आयुषी, क्या तुम्हें भी वही महसूस होता है जो मैं करता हूं?, मैं उसकी आंखों में सच्चाई देख सकती थी। मेरा दिल भी यही कह रहा था, लेकिन मेरे मन में डर था घरवालों का, समाज का और उन परंपराओं का जिनके साथ मैं बड़ी हुई थी।

मैंने थोड़ा वक्त लिया, लेकिन दिल की आवाज को ज्यादा देर तक नजरअंदाज नहीं कर सकी। मैंने भी आरव को अपने प्यार का इजहार कर दिया। हमारी दुनिया एक खूबसूरत सफर पर चल पड़ी।

घरवालों की नाराजगी

i took life changing decision when my family failed to understand my love story (3)

हम दोनों ने सोचा कि सही वक्त आने पर अपने घरवालों को इस बारे में बता देंगे। जब हमारी पढ़ाई पूरी हो गई और दोनों को अच्छी नौकरी मिल गई, तब हमें लगा कि अब सही समय है।

मैंने एक दिन हिम्मत जुटाकर मां-पापा से बात की, पापा, मुझे आपसे कुछ जरूरी बात करनी है। मैं आरव से शादी करना चाहती हूं।

पापा की नजरों में अचानक सख्ती आ गई। उन्होंने गहरी सांस ली और बोले, कौन आरव?

वही, जो मेरे साथ कॉलेज में था। हम एक-दूसरे को पसंद करते हैं और शादी करना चाहते हैं।

मेरी बात सुनते ही घर का माहौल पूरी तरह बदल गया। मां ने चिंता से मेरी तरफ देखा और बोलीं, आयुषी... तुम जानती हो कि हमारा समाज इस तरह की शादियों को कैसे देखता है?

पापा ने गुस्से में कहा, हमारे घर में आज तक कभी प्रेम विवाह नहीं हुआ। और तुम सोच रही हो कि हम इस रिश्ते को मान लेंगे? समाज में क्या मुंह दिखाएंगे?

मेरे सारे तर्क, सारी कोशिशें बेकार गईं। घरवालों के लिए मेरा प्यार कोई मायने नहीं रखता था, उनके लिए बस परंपराएं और समाज की सोच ही अहम थी।

सब कुछ छोड़कर अपने प्यार के साथ चल दी

मैं समझ गई कि मेरे पास दो ही रास्ते थे या तो मैं अपने प्यार को छोड़कर घरवालों की बात मान लूं या फिर अपने दिल की आवाज सुनूं और अपनी जिंदगी खुद तय करूं। यह फैसला आसान नहीं था। आरव ने मेरा हाथ थामकर कहा कि आयुषी मैं हमेशा तुम्हारे साथ रहूंगा, लेकिन फैसला तुम्हें करना होगा। मैं तुम्हें मजबूर नहीं करूंगा।

उसकी बातों में सच्चाई थी। मैंने एक लंबी सांस ली और फैसला किया कि मैं अपने प्यार को नहीं छोड़ सकती। रातभर सोचने के बाद, मैंने घर छोड़ने का फैसला कर लिया। यह सबसे मुश्किल लम्हा था। जब मैं दरवाजे से बाहर निकल रही थी, तो मां ने मुझे रोकने की कोशिश की, लेकिन उनके चेहरे पर सिर्फ डर था डर समाज का, रिश्तेदारों का।

नई जिंदगी की शुरुआत

i took life changing decision when my family failed to understand my love story (4)

मैंने आरव के साथ शादी कर ली। यह आसान नहीं था। हमें समाज की कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। कभी-कभी मैं अपने घर को याद कर रो पड़ती, लेकिन जब आरव मेरा हाथ पकड़ता, तो मुझे हिम्मत मिलती। समय बीतता गया, और धीरे-धीरे घरवालों ने भी मेरी शादी को स्वीकार कर लिया। जब उन्होंने देखा कि मैं खुश हूं, तो उनका गुस्सा कम होने लगा। आखिरकार, कुछ सालों बाद उन्होंने मुझे गले लगाकर कहा कि अगर तुम खुश हो, तो हमें और क्या चाहिए?

मेरी यह प्रेम कहानी सिर्फ प्यार की नहीं, बल्कि हिम्मत की भी कहानी है। समाज की बंदिशें और परंपराएं बहुत जरूरी होती हैं, लेकिन हमें अपने दिल की भी सुननी चाहिए। जब प्यार सच्चा होता है, तो हर मुश्किल आसान लगने लगती है।

मैंने जिंदगी का सबसे अहम फैसला लिया और आज मैं अपनी पसंद से पूरी तरह खुश हूं।

(लेखिका आयुषी को पढ़ने और लिखने का बहुत शौक है, उन्होंने हिंदी में बैचलर कर LLB भी किया है।)

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