कुछ इस तरह रहा मेरा वृन्दावन का सफर

यह ट्रिप लास्ट मिनट पर तय की गई थी, लेकिन फिर भी हमने कम से कम समय को भी काफी एन्जॉय किया और बांके बिहारी जी यानी भगवान श्री कृष्णा के दर्शन किए।

vrindavan trip personal experience in hindi

मेरा नाम समृद्धि है और मेरी उम्र 25 साल है। मुझे घूमना-फिरना बेहद पसंद है, लेकिन कामकाज के चलते घूमने के मौके मेरे पास ज्यादा नहीं होते हैं। इसलिए ज्यादातर मैं एक दिन में आने-जाने वाली जगहें घूमना पसंद करती हूं और इस तरह की मिनी ट्रिप्स प्लान करती ही रहती हूं। मिनी ट्रिप की बात करें तो हाल ही मैं वृन्दावन धाम होकर आई हूं। बता दूं कि जब-जब मेरा मन शांत नहीं होता है तब मैं इस तरह की जगहों पर जाना बेहद पसंद करती हूं और अपने दिमाग को शांत करती हूं।

vrindavan trip experience

यह ट्रिप मैंने मेरे दोस्तों के साथ प्लान की है। वृन्दावन जाकर हमने सबसे पहले निधिवन देखा। हालांकि यहां मैं पहले भी बहुत बार आ चुकी हूं, लेकिन यहां का माहोल ही ऐसा है कि बार-बार आने का दिल करने लगता है। बात अगर निधिवन की करें तो कहा जाता है कि यहां भगवान श्री कृष्णा अपनी गोपियों के साथ बांसुरी बजाया करते थे और गोपियों के साथ रास-रचाते थे। बता दूं कि इस वन में शाम के बाद जाना बिल्कुल मना है। ऐसा इसलिए क्योंकि कहा जाता है कि इस वन में लगे वृक्ष रात के समय तुलसी के पेड़ से गोपियां बन जाते हैं और मुरली मोहन की धुन पर नाचने लगते हैं। अब इसका सच तो कोई नहीं जनता है।

इस वन में कुल 16000 से भी ज्यादा तुलसी के पेड़ लगे हुए हैं। इसके अलावा वृन्दावन धाम में आपको ढेर सारे बंदर भी नजर आ जाएंगे। यमुना नदी के पास स्थित इस जगह पर मानों गली-गली में आपको सुकून मिलेगा।

इसके अलावा आपको बता दें कि मैंने वहां जाकर वृन्दावन के बारे में भी काफी चीजें जानी है जैसे कि वृंदा का मतलब होता है तुलसी या तुलसी का पौधा और वन माने जंगल। वहीं वृन्दावन में आपको 5500 से भी ज्यादा अलग-अलग मंदिर देखने को मिल जाएंगे।

vrindavan temple

इन सबसे अलावा वृन्दावन धाम का अहम मंदिर श्री कृष्णा जी का बांके बिहारी मंदिर है। बता दें कि आप यहां सुबह-शाम कभी भी आयेंगे तो भी यह जगह आपको भीड़ से भरी ही मिलेगी। इसलिए कोशिश करें कि आप जब भी यहां आए तो ऐसे समय पर आए कि मंदिर बंद होने में कम से कम 2 घंटे रहते ही हो ताकि आप आराम से यहां के दर्शन कर सके। वहीं बांके बिहारी जी के मंदिर में तस्वीर लेना वर्जित है। ऐसा इसलिए क्योंकि कहा जाता है कि तस्वीर लेने पर भगवान श्री कृष्णा नाराज हो जाते हैं और घर में बरकत भी नहीं रहती है।

बात करें कि दोस्तों के साथ मेरा एक्सपीरियंस कैसा रहा कि तो मैं ज्यादातर अपने परिवार के साथ ही घूमी हूं तो यह मिनी ट्रिप मेरे लिए बेहद मजेदार और यादगार रही है। इसके अलावा ध्यान रहे कि आप कहीं भी जाएं तो पहले से उस जगह की थोड़ी-बहुत जानकारी जरूर लें और उसके बाद ही प्लानिंग करें ताकि आपको किसी भी तरह की कोई परेशानी का सामना न करना पड़े।

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