मैं वसुंधरा कई बार घूमने जा चुकी हूं, लेकिन मेरे मन को ऋषिकेश शहर बेहद भाया। यह एक ऐसी जगह है जहां लोग भीड़-भाड़ से दूर अच्छे पल की तलाश में जाते हैं। मैं भी ऋषिकेश यही सोच कर गई थी कि वहां जाकर मुझे बहुत कुछ नया एक्सपीरियंस करने को मिलेगा। ऐसा अनुभव जिसे मैं कभी न भूल पाऊं।
ऋषिकेश जाने से पहले मैनें रिवर राफ्टिंग के बारे में कई कहानियां सुनी थी। यह स्पोर्ट बेहद एडवेंचर होता है। जब मैं पहली बार ऋषिकेश गई तो मैनें भी सबसे पहले राफ्टिंग करने का फैसला लिया। सुबह 11-12 बजे हम अपने रूम से निकले और पहुंच गए उस जगह जहां से हमें गाड़ी पिकअप करने आने वाली थी। राफ्टिंग करने के लिए हमें फूलचट्टी जाना पड़ा।
करीब आधे घंटे बाद हम फूलचट्टी पहुंच गए। राफ्टिंग किलोमीटर के हिसाब से होती है। हमने 11 किलोमीटर वाली चुनी। भईया द्वारा हमे सेफ्टी लाइफ जैकेट और टोपी पहनाई गई। राफ्टिंग करने से पहले कुछ नियम बताए जाते हैं, जिन्हें फॉलो करना बेहद जरूरी होता है। लहरे इतनी ऊंची-ऊंची थीं कि मेरा दिल धक-धक करने लगा था, लेकिन भोलेनाथ का नाम लेकर मैं बोट मैं बैठ गई। इसके बाद आया असली मजा। राफ्टिंग मैं कुछ पॉइंट्स आते हैं, जहां पर लहरें उफान मारती हैं। इस दौरान चप्पू सही से चलाना होता है। वरना बोट पलट सकती है। यह बेहद रोमांचक होता है। इस दौरान ऊंचे-ऊंचे पहाड़ और साफ पानी दिल को सुकून दे जाता है। कान में केवल पानी की आवाज ही गूंजती है और यह बेहद मनमोहक होती है।
रिवर राफ्टिंग की अगर फोटोज न हो तो क्या खाक कुछ किया। ऐसे में मैनें फोटोज के लिए 800 रूपये दिए और मेरे हाथ जो फोटोज लगीं वह मेरी उम्मीदों के बिल्कुल विपरित थी। मैं इतनी बुरी लग रही थी कि क्या ही बताऊं। खैर कोई नहीं यादें कैद हो गईं, मेरे लिए यह काफी था।
क्या आपने कभी क्लिफ जंपिंग के बारे में सुना है? मैं यह कह सकती हूं कि क्लिफ जंपिंग के बगैर रिवर राफ्टिंग अधूरी है। राफ्टिंग के दौरान एक कोने पर बोट रोक दी जाती है। जहां पर हम मैगी और चाय का लुफ्त उठा सकते हैं। इस ऊंचे पहाड़ पर क्लिप जंपिंग भी करवाई जाती है। गंगा नदी के ठंडे पानी से बचने का केवल एक ही तरीका होता है। हमने एक प्लेट मैगी ली और चाय पी। इसके बाद जंप करने के लिए लंबी लाइन लगी पड़ी थी।
आपको शायद यकीन न हो मुझसे पहले एक छोटे बच्चे ने भी जंप किया,लेकिन मैं बहुत डरी हुई थी। इसके बावजूद भी मैनें एक लड़के को जंप करने के लिए बेहद मोटिवेट किया था, लेकिन फिर भी उसने कुछ नहीं किया। इसके बाद मेरी बारी आई। मैनें हिम्मत जुटाने में कम से कम 5-7 मिनट लगाए। इसके बाद भगवान जी का नाम लेकर मैं पानी में कूद गई और मेरे हाथ पर जो पानी का थपेड़ा पड़ा,उस एहसास को मैं कभी नहीं भूल सकती हूं। इसके बाद दो पल के लिए मुझे लगा मैं डूब गई। मैनें भईया-भईया करके चिल्लाया, लेकिन जैसे-तैसे में किनारे पर पहुंच गई और वहां से भईया ने मुझे बोट पर बैठा दिया।
राफ्टिंग का यह एक्सपीरियंस मैं हमेशा याद रखूंगी। क्या आपने भी कभी रिवर राफ्टिंग की है, अगर हां तो नीचे आ रहे कमेंट सेक्शन में हमें कमेंट कर जरूर बताएं और जुड़े रहें हमारी वेबसाइट हरजिंदगी के साथ।
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