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मोक्षदा एकादशी 2021: जानें दिसंबर के महीने में कब है मोक्षदा एकादशी, पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व

आइए जानें इस साल दिसंबर के महीने में कब मनाई जाएगी मोक्षदा एकादशी और इसका क्या महत्व है। 
Editorial
Updated:- 2021-12-09, 08:04 IST

हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का बहुत अधिक महत्व है। हर एक महीने में एकादशी तिथि दो बार होती है और साल में 24 एकादशी तिथियां होती हैं। हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह की 11वीं तिथि को एकादशी कहते हैं। एकादशी तिथि को पूरी तरह भगवान विष्णु को समर्पित माना जाता है। इस दिन भगवान् विष्णु की पूरे श्रद्धा भाव से पूजा की जाती है और भोग अर्पित किया जाता है। महीने में एक एकादशी कृष्ण पक्ष में और दूसरी शुक्ल पक्ष में पड़ती है। प्रत्येक एकादशी तिथि का अलग महत्व है और प्रत्येक एकादशी तिथि में विष्णु पूजन करना श्रेष्ठ माना जाता है। इन्ही एकादशी तिथियों में से एक है मोक्षदा एकादशी।

मोक्षदा एकादशी मार्गशीर्ष महीने में शुक्ल पक्ष में मनाई जाती है। इस एकादशी तिथि का अलग महत्व है और ऐसा माना जाता है कि मोक्ष की प्राप्ति के लिए ये एकादशी तिथि मनाई जाती है। जिस कारण इसका महत्व और अधिक बढ़ जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार मोक्षदा एकादशी और गीता जयंती एक दिन ही पड़ती है। आइए प्रख्यात ज्योतिर्विद पं रमेश भोजराज द्विवेदी जी से जानें इस साल 2021 में कब मनाई जाएगी मोक्षदा एकादशी और इसका क्या महत्व है।

मोक्षदा एकादशी की तिथि और शुभ मुहूर्त

mokshda ekadashi puja vidhi

  • इस साल मोक्षदा एकादशी 14 दिसंबर, मंगलवार के दिन मनाई जाएगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मोक्षदा एकादशी के दिन व्रत के प्रभाव से पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
  • एकदाशी तिथि प्रारंभ: 13 दिसंबर, सोमवार, रात्रि 9: 32 मिनट से
  • एकदाशी तिथि समाप्त: 14 दिसंबर, मंगलवार, रात्रि 11:35 मिनट पर
  • उदया तिथि में एकादशी 14 दिसंबर को पड़ेगी इसलिए इसी दिन व्रत एवं पूजन लाभकारी होगा।
  • व्रत का पारण: 15 दिसंबर, बुधवार प्रातः 07: 5 मिनट से प्रातः 09: 09 मिनट तक

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मोक्षदा एकादशी पूजन विधि

ekadashi puja

  • मोक्षदा एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करे और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • घर के मंदिर की सफाई करें और घर के मंदिर और आस-पास की जगह को गंगाजल से पवित्र करें।
  • मंदिर में सभी भगवानों को स्नान कराएं और स्वच्छ वस्त्र पहनाएं।
  • विष्णु भगवान को रोली और अक्षत का तिलक लगाएं।
  • पूजा आरंभ करें और सर्व प्रथम गणपति का पूजन करके भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का पूजन करें।
  • यदि आप व्रत कर रहे हैं तो इस दिन फलाहार का सेवन करें और लक्ष्मी जी के साथ श्रीहरि की आरती करें।
  • भगवान विष्णु को भोग अर्पित करें और तुलसी के पत्ते अवश्य अर्पित करें।

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मोक्षदा एकादशी का महत्व

significance of ekadashi tithi

हिन्दू धर्म में मोक्षदा एकादशी का बहुत अधिक महत्व है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन व्रत करने से मोक्ष को प्राप्ति होती है। मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्णने अर्जुन को कुरुक्षेत्र के मैदान में गीता का ज्ञान दिया था। हिंदू पंचांग में मोक्षदा एकादशी के दिन गीता जयंती भी मनाई जाती है।

इस प्रकार मोक्षदा एकादशी का बहुत अधिक महत्व है और इस दिन व्रत और पूजन विशेष रूप से फलदायी माना जाता है। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें। इसी तरह के अन्य रोचक लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।

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