1909 से शुरू होकर अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस कहां तक पहुंचा है?

इस बार अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की थीम है 'Be Bold for Change' यानी कि बदलाव के लिए सशक्त बनें। सो, अगर आपके साथ भेदभाव हो तो तुरंत आवाज उठाएं और अपने अधिकार की मांग करें। #BeBold.
Gayatree Verma

आज 8 मार्च है। मतलब कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस... तो दुनिया की हर महिला को, HAppy Women's day. smile emoji

21वीं सदी में दुनिया के हर कोने में हर महिला रोज नए झंडे गाड़ रही है। ऐसा कोई क्षेत्र नहीं जहां महिलाएं नहीं है। खेल से लेकर राजनीति, फाइनेंस से लेकर सामाजिक... हर क्षेत्र में महिलाओं ने अपना परचम लहराया है। लेकिन इस परचम तक पहुंचने का सफर बहुत ही मुश्किल रहा है और ये मुश्किलें आगे भी आते रहेंगी। 

वैसे भी, उस सफर का मजा ही क्या जहां कांटे ना बिछे हो।

तो इन्हीं कांटों पर उर्फ सफर की मुश्किलों पर एक नजर डालते हैं आज। 

1 1909 में शुरू हुआ था पहली बार

महिलाएं अपने अधिकारों के लिए शुरू से ही लड़ाईयां लड़ते रही हैं। साल 1908 में 15,000 महिलाओँ ने न्यूयॉर्क सिटी में वोटिंग अधिकारों, बेहतर वेतन और काम के घंटे कम करने की मांग को लेकर मार्च निकाला था जिसके एक साल बाद अमेरिका में सोशलिस्ट पार्टी ने सन 1909 में 28 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया।

2 1913-14: युद्ध का विरोध प्रतीक बनकर उभरा

1913-14 आते-आते तक महिला दिवस युद्ध के विरोध करने का प्रतीक बन कर उभरा। पहला अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस रुसी महिलाओं ने फरवरी महीने के अंत में मनाया था जिसे लोगों ने पहले विश्व युद्ध का विरोध माना। फिर उसी साल यूरोप में महिलाओं ने 8 मार्च को पीस ऐक्टिविस्ट्स को सपोर्ट करने के लिए रैलियां निकालीं। 

3 1975: 8 मार्च को हुआ सेलीब्रेट

1975 में महिला दिवस 8 मार्च को सेलीब्रेट किया गया। यूनाइटेड नेशन्स ने इस दिन को चुना। 8 मार्च, 1975 वह पहला साल था जब अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया।

4 2011: मार्च है महिलाओं का मास

2011 में अमेरिका के पूर्व प्रेसिडेंट बराक ओबामा ने मार्च को महिलाओं का ऐतिहासिक मास कहकर पुकारा। उन्होंने मार्च के पूरे महीने को महिलाओं की मेहनत, उनके सम्मान और देश के इतिहास के प्रति समर्पित किया। 

5 2017: #मीटू

2017 में हॉलीवुड ऐक्ट्रेस एलाइसा मिलानो ने मीटू कैम्पेन की शुरुआत की। इस कैम्पेन में महिलाओं को अपने साथ हुए यौन शोषण की घटनाओं को शेयर करना था। इस कैम्पेन की शुरू होने के बाद दुनियाभर की महिलाओं ने इस पर अपने साथ हुई यौन शोषण की घटनाओं को शेयर किया। इस कैम्पेन की ही वजह से हॉलीवुड के भगवान माने जाने वाले Harvey Weinstein तक अलग-थलग पड़ गए हैं। इस बार ऑस्कर अवॉर्ड के शो में उनकी एक मूर्ति लगाई गई जिसमें CASTING COUCH लिखा था। 

तो यह है महिलाओं की ताकत जिन्हें बिना कुछ कहे भी बहुत कुछ कहने आता है।  

6 इस बार की थीम- Be Bold for Change

आपको बता दें कि इस बार अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की थीम है 'Be Bold for Change' यानी कि बदलाव के लिए सशक्त बनें। इस कैंपेन के द्वारा लिंगभेद को समाप्त करने के लिए आह्वान किया गया है। 

सो, आपको जहां भी लगे कि आपके साथ महिला होने के कारण भेदभाव किया जा रहा है तो तुरंत आवाज उठाएं और अपने अधिकार की मांग करें। #BeBold.

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