सेक्सुअल हैरेसमेंट, छेड़खानी, एब्यूज़िंग, बद्तमीजी, यौन शोषण... सारी एक ही चीजें ही या फिर एक-दूसरे से रिलेटेड है। इसलिए इसमें से एक भी चीज को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इन चीजों को आज नजरअंदाज करोगे तो इन्हें बढ़ावा ही मिलेगा और फिर समाज के लिए एक नासूर की तरह बन जाएगा। तो इसे नासूर बनने ही ना दें...?
लेकिन ये हो कैसे सकता है? क्योंकि ये तो पहले ही समाज के लिए अभिशाप बन गया है और हर घर - हर जगह में होता है। शायद ही ऐसी कोई लड़की हो जिसके साथ जिंदगी में कभी छेड़खानी ना हुई हो। बस में आते-जाते, ऑफिस में काम करते हुए या रास्ते में चलते हुए, छेड़खानी होना तो आम बात है। ये इतना आम हो चुका है कि लड़कियां भी केवल नजरअंदाज करके आगे बढ़ जाती हैं। लेकिन जब नजरअंदाज ना हो तो...?
तो कर ही क्या सकते हैं। शायद प्रीति की ही तरह कर सकते।