हम अपने पूरे जीवन के दौरान लोगों से घिरे होते हैं। यह लोग हमारे परिवार वाले, दोस्त, क्लासमेट और ऑफिस में काम करने वाले भी हो सकते हैं। हम लोगों के साथ ही खाते हैं और बैठते भी हैं। इस दौरान हम बातें कर के एक दूसरे को सुनने और समझने की कोशिश करते हैं।
अगर आपको लगता है कि लोगों के साथ हमारा रिश्ता सिर्फ बातों करने तक सीमित है तो आप गलत हैं। हम लोगों की हर एक बात से बहुत हद तक प्रभावित होते हैं।
सुनने और समझने से कुछ ज्यादा
हमारे लोगों के साथ अलग-अलग सीमाएं होती हैं। कुछ लोग हमारे लिए सबकुछ होते हैं और कुछ लोगों के होने या ना होने से हमें कुछ फर्क नहीं पड़ता है। अब आप यही देख लिजिए कि हमारे साथ जब भी कुछ बुरा होता है हम अपने किसी करीबी को ही हम उसके बारे में बताते हैं। ऐसे में उसके विचार सुनते हैं और कहीं ना कहीं मानने लगते हैं कि वो सही कह रहा है।
घर की बातें और विचार
अगर आप एक ऐसे व्यक्ति से मिलेंगे जिसके घर में रोज झगड़ा होता है और दूसरे व्यक्ति से मिलेंगे जिसके घर में कोई तेज आवाज में बात तक नहीं करता तो आपको दोनों के बीच जमीन आसमान का अंतर देखने को मिलेगा। हमारा पहना, हम कितने खुले विचारों के हैं, हम धर्म के बारे में क्या सोचते हैं और राष्ट्र के प्रति हमारी सोच भी लोगों से प्रभावित होती है।
कैसे प्रभावनित होती हैं हम
किसी के काले रंग को पसंद ना करना और मोटे इंसान को बुरी नजर से देखना भी हम कई हद तक अपने आसापस के वातावरण से सिखते हैं। आप किसी की मदद करते हैं या मजाक उड़ाते हैं यह सब आपने जो देखा और सुना है उससे बहुत हद तक प्रभावित होता है।
सच और झूठ में अंतर
बहुत बार हम खुद असमंजस में पड़ जाते हैं और दूसरे व्यक्ति से सच और झूट का अंतर समझने की कोशिश करने लगते हैं। ऐसी परिस्थिति में हमारा सच उस व्यक्ति के सच से मेल खाने लगता है।
कितना सही है दूसरों से प्रभावित होना
इस सवाल का जवाब बिल्कुल साफ है कि जब तक बात सही और सच हो, तब तक आप सामने वाले की सलाह लें। अब सवाल यह है कि सही और सच क्या है इसे कैसे तय करें? जवाब है आप अपने मन और दिमाग को सुन इसका फैसला लें।
सुनो सबकी और करो अपनी
सलाह लेना कभी भी गलत नहीं है इसलिए आप हमेशा सलाह लें लेकिन सलाह को अपने विचारों पर हावी ना होने दें। आप अपनी समझ से सोचें कि क्या गलता है और क्या सही है। जरूरी नहीं है कि हर कोई किसी से प्रभावित हो लकिन मानव होने के नाते हमारा वातावरण हमें बहुत हद तक प्रभावित करता है।
महीमा यादव लखनऊ के बीबीडी कॉलेज से आईएसबीए की पढ़ाई कर रही हैं और उन्हें घूमना पसंद है। उनका मानना है कि हर इंसान को अपने विचारों को सुनना चाहिए।
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों