गोरखपुर में महज 36 घंटे के भीतर ऑक्सीजन की कमी से 30 बच्चों ने अपनी जान गंवा दी थी। जान गंवाने वाले बच्चों में ज्यादातर इन्सेफेलाइटिस यानी जापानी बुखार से पीड़ित थे। इस बीमारी से ग्रस्त बच्चों को ऑक्सीजन बहुत जरूरत होती है। इन्सेफेलाइटिस से पूर्वांचल में हर साल कई बच्चों की मौत होती है।
मस्तिष्क ज्वर, दिमागी बुखार और जापानी बुखार आदि नामों से प्रचलित इन्सेफेलाइटिस एक जानलेवा बीमारी है। इसका शिकार बच्चे ज्यादा होते हैं। अगस्त, सितम्बर और अक्टूबर के महीनों में यह अपने जोरों पर होता है। ये बीमारी हर साल इन्हीं तीन महीनो में अधिक फैलती है। लोगों में इस बीमारी के प्रति जानकारी की कमी के चलते वे इसे अनदेखा करते हैं, जिस कारण उन्हें इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ते हैं।
पिछले कुछ सालों में जापानी इन्सेफेलाइटिस ने भारत में खूब कहर मचाया है, हर साल यह देश में हजारों लोगों की मौत का कारण बनता है। इसलिए इसके बारे में सही जानकारी और बचाव बेहद जरूरी है। तो चलिये जानें जापानी इन्सेफेलाइटिस के बारे में और संकल्प करें कि इसे भी पोलियो की तरह खुद के घर और देश से निकाल बाहर करेंगे, ताकि और लोग इसकी बली न चढ़ पाएं।
क्या हर साल इन्सेफेलाइटिस के कहर से ऐसे ही मरते रहेंगे बच्चे?
गोरखपुर पर कहर बन कर टूटा इन्सेफेलाइटिस करीब 90 साल पुरानी जानलेवा बीमारी है, लेकिन अभी तक इसकी दवा उपलब्ध नहीं है।