भगवान श्री कृष्ण के भक्तों की कमी नहीं हैं। कोई उन्हें अपने बच्चे के रूप में देखता है, तो कोई प्रेमी, भाई, पति या परमात्मा के स्वरूप में उन्हें प्यार करता है। उनकी अद्भुत लीलाओं, गुणों और अवतारों के कारण उन्हें अनेक नामों से पुकारा जाता है। हर नाम उनके विभिन्न रूपों और गुणों का प्रतीक है। भगवान श्री कृष्ण का कोई एक नाम नहीं है, बल्कि उन्हें हर भक्त ने अपने अनुसार, अपनी भावनाओं के अनुरूप नाम दिया है। यही कारण है कि उनके नामों की संख्या बहुत अधिक है और हर नाम में उनके किसी विशेष रूप या भाव का आदान-प्रदान होता है। हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, प्रसिद्ध कथावाचक अनिरुद्धाचार्य से पूछते हैं, "कन्हैया का पहला नाम क्या है?" इस वीडियो के वायरल होने के बाद, लोग इस प्रश्न का सही उत्तर जानने के लिए उत्सुक हो गए हैं। हालांकि, वीडियो में दिए गए उत्तर को समझ पाना थोड़ा मुश्किल हो रहा है। इसके बावजूद, यह प्रश्न लोगों के मन में एक जिज्ञासा को जन्म दे रहा है और सभी यह जानना चाहते हैं कि सच में भगवान श्री कृष्ण का पहला नाम क्या था। इस सवाल का सही जवाब जानने के लिए हमने वृंदावन स्थित श्री बांकेबिहारी लाल मंदिर के सेव समूह के पंडित श्रीनाथ गौस्वामी से बात की। उन्होंने इस बारे में अपने विचार साझा किए और कहा, "धार्मिक ग्रंथों में भगवान श्री कृष्ण के नामों के बारे में अलग-अलग बातें लिखी गई हैं। भगवान श्री कृष्ण को पुकारने के लिए उनके भक्तों ने ढेरों नामों का प्रयोग किया है, लेकिन जब उनकी मां देवकी ने उन्हें जन्म दिया, तो वह उन्हें क्या नाम से पुकारती थीं, यह सवाल बहुत अधिक मतभेदों को जन्म देता है।" पंडित श्रीनाथ गौस्वामी ने यह भी कहा कि, "भगवान श्री कृष्ण के नामों का संबंध उनके भक्तों के प्रेम से है और हर भक्त उन्हें अपनी भावनाओं और संबंध के हिसाब से अलग-अलग नामों से पुकारता है।"
यह बात बिल्कुल सही है कि भगवान श्री कृष्ण का कोई एक स्थिर नाम नहीं है, क्योंकि वह असीमित रूपों में भक्तों के बीच मौजूद हैं। उनके प्रत्येक रूप और नाम में एक विशेषता और भावना छिपी होती है और यही कारण है कि हर भक्त ने उन्हें अपने अपने तरीके से पुकारा। इसलिए, इस सवाल का कोई सटीक उत्तर नहीं हो सकता, क्योंकि उनके नामों की विविधता उनके अस्तित्व के अनंत रूपों का प्रतीक है। फिर भी श्रीनाथ जी ने इस प्रश्न का उत्तर देने का प्रयास किया, जिससे यह सामने निकलकर आया कि उनकी माता ने सबसे पहले उन्हें किस नाम से पुकारा होगा।
श्रीनाथ जी आगे कहते हैं, "बृज की धरती पर आज भी जब किसी का बच्चा पैदा होता है, तो उसे लाला या लाली कहा जाता है। इसलिए भगवान श्री कृष्ण का प्रथम नाम 'लाला' हो सकता है। वहीं श्री कृष्ण चूंकि वासुदेव के पुत्र थे माता देवकी उन्हें वासु या वासुदेव कहकर भी पुकार सकती हैं।" आपको बता दें कि बृज में जब भी किसी के पुत्र होता है, तो उसे आज भी सबसे पहले लाला कहा जाता है और पुत्री के होने पर उसे लाली कहकर बुलाया जाता है। लाला का अर्थ श्री कृष्ण है और लाली का मतलब श्री राधा रानी से है। ऐसे में भगवान श्री कृष्ण को देवकी माता ने सबसे पहले 'लाला' कह कर बुलाया होगा।
भगवान श्री कृष्ण का जन्म जब हुआ, तब उनका रंग सांवला था। कथाओं के अनुसार श्री कृष्ण का नाम कृष्ण माता यशोदा का दिया हुआ है। कृष्ण का अर्थ ही काला या गहरा नीला होता है। इस तरह से भगवान को श्री कृष्ण बुलाया जाने लगा। वहीं इस नाम से जुड़े उनके अनेक नाम हैं, जैसे- कन्हैया, कान्हा, किशन आदि। हालांकि, भगवान की लीलाओं और अवतारों के आधार पर उनके कई नाम रखे गए हैं, जिनको याद रखना एक आम व्यक्ति के बस की बात नहीं है।
भगवान श्री कृष्ण के अनगिनत नाम हैं, यहां उनके कुछ प्रमुख नाम और उनके अर्थ हम आपको बता रहे हैं-
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