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Sankashti Chaturthi Moon Rise Time 2025: मई संकष्टी चतुर्थी के दिन क्या है चंद्रमा की पूजा का समय? जानें पूजा विधि

ऐसा माना जाता है कि मई की संकष्टी चतुर्थो के दिन गणेश जी के एकदंत स्वरूप की पूजा से व्यक्ति में बल, बुद्धि और धैर्य का संचार होता है। इसके अलावा, इस दिन चंद्रमा की पूजा का भी विशेष विधान है। 
Editorial
Updated:- 2025-05-16, 16:07 IST

मई की संकष्टी चतुर्थी इस साल 16 तारिख शुक्रवार के दिन पड़ रही है। इस दिन गणेश जी के एकदंत स्वरूप की पूजा का विधान है। ऐसा माना जाता है कि मई की संकष्टी चतुर्थो के दिन गणेश जी के एकदंत स्वरूप की पूजा से व्यक्ति में बल, बुद्धि और धैर्य का संचार होता है। इसके अलावा, इस दिन चंद्रमा की पूजा का भी विशेष विधान है।

ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि मई की संकष्टी चतुर्थी के दिन चंद्रमा की पूजा करने से न सिर्फ कुंडली में उसकी स्थिति मजबूत होती है बल्कि चंद्र दोष से छुटकारा मिलता है और मानसिक शांति की प्राप्ति होती है। ऐसे में आइये जानते हैं मई की संकष्टी चतुर्थी के दिन चंद्रमा की पूजा का समय और विधि के बारे में।

मई संकष्टी चतुर्थी 2025 चंद्रमा पूजन का शुभ मुहूर्त

may sankashti chaturthi 2025 chandrama pujan ka mahatva

मई की संकष्टी चतुर्थी के दिन चंद्रमा के उदय का शुभ मुहूर्त 16 मई को लगभग रात 10 बजकर 38 मिनट है। ऐसे में चंद्रमा की पूजा के लिए शुभ समय रात 10 बजकर 45 मिनट से रात 11 बजकर 3 मिनट तक है।

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मई संकष्टी चतुर्थी 2025 चंद्रमा पूजन की विधि

धैर्यपूर्वक चंद्रमा के उदय की प्रतीक्षा करें। ऐसा माना जाता है कि चंद्रमा को सबसे पहले देखना शुभ होता है। चंद्रमा दिखाई देने के बाद, एक साफ थाली या बर्तन तैयार करें। इसमें थोड़ा सा पानी, दूध, चावल यानी कि अक्षत और फूल रखें।

चंद्रमा की ओर मुख करके हाथ जोड़कर खड़े हों। धीरे-धीरे पानी, दूध, चावल और फूलों का मिश्रण चंद्रमा की ओर डालते हुए एक प्रार्थना या मंत्र का जाप करें। सबसे आम मंत्र चंद्रमा देवता को समर्पित है: "ॐ सोमाय नमः"।

आप अर्घ्य देते समय गणेश मंत्रों का भी जाप कर सकते हैं। अर्घ्य देने के बाद, चंद्रमा से प्रार्थना करें। आप अपने व्रत के सफलतापूर्वक पूरा होने के लिए आभार व्यक्त कर सकते हैं और अपने और अपने परिवार के लिए आशीर्वाद मांग सकते हैं।

चंद्रमा की पूजा के बाद, आप उस भोजन को ग्रहण करके अपना व्रत तोड़ सकते हैं जो इस अवसर के लिए तैयार किया गया था। पारंपरिक रूप से, इसमें भगवान गणेश के पसंदीदा भोजन जैसे मोदक और लड्डू, साथ ही अन्य फल और मिठाई शामिल होती हैं।

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मई संकष्टी चतुर्थी 2025 चंद्रमा पूजन का महत्व

may sankashti chaturthi 2025 chandrama puja ki vidhi

संकष्टी चतुर्थी का व्रत, जो पूरे दिन रखा जाता है, पारंपरिक रूप से चंद्रमा के दर्शन और उसकी पूजा करने के बाद ही तोड़ा जाता है। इसलिए, चंद्रमा का उदय भक्त की तपस्या और भक्ति की समाप्ति का प्रतीक है।

चंद्रमा को अक्सर शांति, शीतलता और समय के बीतने से जोड़ा जाता है। एक दिन के उपवास के बाद इसकी पूजा करना, कष्ट सहने के बाद शांति और शीतलता प्राप्त करने के तरीके के रूप में देखा जा सकता है।

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FAQ
मई संकष्टी चतुर्थी के दिन गणेश जी को क्या भोग लगाएं?
मई की एकदंत संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए कई तरह के भोग लगाए जा सकते हैं। गणेश जी को मोदक सबसे प्रिय हैं, इसलिए इस दिन मोदक का भोग लगाना विशेष रूप से फलदायी माना जाता है। 
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