इस मंदिर में होती है भगवान शिव के गले में लिपटे सांप की पूजा, जानें क्या है मान्यता

प्रयागराज में महाकुंभ मेला 2025 का आयोजन धूमधाम से शुरू हो चुका है। इस पवित्र अवसर पर लाखों श्रद्धालु गंगा नदी में स्नान कर पुण्य लाभ प्राप्त कर रहे हैं। कुंभ मेला भगवान शिव को समर्पित एक विशाल धार्मिक आयोजन है। इस मेले में नागा साधुओं का विशेष आकर्षण होता है।
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प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेला भारत का सबसे बड़ा धार्मिक समागम है। हर बार की तरह इस साल भी लाखों श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए यहां जुटे हैं। लेकिन इस बार कुंभ मेला सिर्फ एक धार्मिक आयोजन ही नहीं है, बल्कि इसके साथ एक पौराणिक रहस्य शिवजी के गले में स्थित सांप भी जुड़ा हुआ है। शिवजी के गले में जो सांप दिखाई देता है, उसे नाग वासुकि कहा जाता है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, वासुकि नागों का राजा है और भगवान शिव का परम भक्त है। आइए ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से इस लेख में विस्तार से जानते हैं।

भगवान शिव के गले में लिपटा सांप कौन है?

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भगवान शिव की आकर्षक और रहस्यमयी छवि में एक ऐसा तत्व है जो हमेशा से लोगों का ध्यान आकर्षित करता रहा है, और वह है उनके गले में लिपटा हुआ नाग। अक्सर लोग इस नाग को किंग कोबरा मान लेते हैं, लेकिन धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, यह नाग कोई और नहीं बल्कि नागराज वासुकी हैं। आपको बता दें, वासुकी नाग को लेकर कई रोचक कथाएं प्रचलित हैं। इनमें से सबसे प्रसिद्ध कथा है समुद्र मंथन की। समुद्र मंथन के दौरान देवताओं और दानवों ने अमृत प्राप्त करने के लिए समुद्र को मंथन किया था। इस मंथन के लिए वासुकी नाग को मेरु पर्वत के चारों ओर लपेटकर रस्सी के रूप में इस्तेमाल किया गया था। मंथन के दौरान उत्पन्न हुए विष को पीने के लिए भगवान शिव ने वासुकी नाग को अपने गले में धारण कर लिया था। इसीलिए आज भी हम शिवजी को विषहारी के रूप में पूजते हैं।

प्रयागराज में स्थित वासुकि नाग मंदिर

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प्रयागराज का वासुकी नाग मंदिर महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं से गुलजार रहता है। यह केवल एक मंदिर नहीं है, बल्कि धर्म, संस्कृति और आस्था का एक संगम है। इस मंदिर का महत्व इस बात से और बढ़ जाता है कि यह शिवजी के गले में स्थित वासुकी नाग से जुड़ा हुआ है। भक्तों का मानना है कि इस मंदिर में दर्शन करने से उन्हें पुण्य की प्राप्ति होती है और उनके सभी पाप धुल जाते हैं। वासुकी नाग को जीवन के कष्टों और समस्याओं से मुक्ति देने वाला माना जाता है। भक्त यहां आकर अपनी मनोकामनाएं लेकर आते हैं और उन्हें पूरा होने की आशा रखते हैं।

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Image Credit- HerZindagi

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