हम अक्सर ऐसे लोगों से मिलते हैं जो दूसरों को बड़ी आसानी से सलाह दे देते हैं या यूं कहें की दूसरों की जिंदगी के मसले बड़ी सरलता से हल कर लेते हैं, लेकिन जब खुद से जुड़े निर्णय लेने की बात आती है तो उन्हें समझ ही नहीं आता कि क्या करना चाहिये और क्या नहीं। दूसरों की परेशानियों को चुटकियों में हल करने वाले ऐसे लोग अपनी समस्याओं में उलझकर रह जाते हैं और एक छोटे से निर्णय पर भी घंटों अटके रहते हैं। ज्योतिष में व्यक्तित्व के विभिन्न पहलुओं पर गहरा चिंतन किया गया है। ऐसे लोग जो दूसरों को सलाह देने में माहिर होते हैं लेकिन खुद निर्णय लेने में कमजोर पड़ जाते हैं, उनके पीछे कई ज्योतिषीय और मनोवैज्ञानिक कारण हो सकते हैं। ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानतेहैं ऐसे लोगों के नेचर के बारे में।
खुद के लिए कोई निर्णय न लेने वाले लोग कैसे होते हैं?
जो लोग खुद के लिए कोई निर्णय नहीं ले पाते हैं ऐसे लोगों में गुरु और बुध ग्रह का प्रभाव देखा जा सकता है। गुरु ज्ञान, परामर्श और मार्गदर्शन का कारक ग्रह है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में गुरु मजबूत स्थिति में हो तो उनमें दूसरों को सही सलाह देने की अद्भुत क्षमता होती है।
ये दूरदर्शी होते हैं और समस्याओं का समाधान आसानी से देख पाते हैं। वहीं, बुध ग्रह बुद्धि और विश्लेषण का कारक है। यदि बुध भी प्रबल हो तो व्यक्ति बातों को तर्कसंगत तरीके से प्रस्तुत कर पाता है।
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हालांकि, जब बात खुद के निर्णय लेने की आती है तो चंद्रमा और शनि की स्थिति महत्वपूर्ण हो जाती है। चंद्रमा मन और भावनाओं का प्रतिनिधित्व करता है। यदि चंद्रमा कमजोर या पीड़ित हो तो व्यक्ति के मन में अस्थिरता और द्वंद्व की स्थिति बनी रहती है।
ये अपनी भावनाओं और विचारों को लेकर स्पष्ट नहीं हो पाते जिससे निर्णय लेने में कठिनाई होती है। इसी तरह, शनि कर्म और कर्तव्य का ग्रह है। यदि शनि का प्रभाव अधिक हो या वह पीड़ित हो तो व्यक्ति के भीतर एक तरह का भय या अत्यधिक सावधानी घर कर जाती है।
ऐसे लोग अक्सर स्वभाव से तार्किक होते हैं। ऐसे लोग विश्लेषणात्मक यानी कि हर छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी बात की तह तक जाने वाले होते हैं। ये हर पहलू पर गहराई से विचार करते हैं, लेकिन यही जरूरत से ज्यादा सोचना उन्हें निर्णय नहीं लेने देता जिससे ये सही समय सही फैसला अपने खुद के लिए करने में पीछे रह जाते हैं।
खुद के लिए निर्णय न ले पाने वाले लोगों में ओवरथिंक बहुत ज्यादा होती है जिसकी वजह से इन्हें छोटे-छोटे निर्णय भी पहाड़ जैसे लगने लगते हैं। ये दूसरों को सही रास्ता दिखाते हैं लेकिन अपने लिए मार्ग नहीं निकाल पाते।
ऐसे लोग बहुत ज्यादा इमोशनल होते हैं। खुद के लिए निर्णय लेते समय इनकी भावुकता इनपर हावी होने लगती है जिसके कारण अगर इन्होंने हिम्मत करके अपने लिए कोई फैसल ले भी लिया तो अक्सर वह गलत ही सिद्ध होता है और या खुद ही अपने दिल को अनजाने में चोट पहुंचा देते हैं।
हालांकि ऐसे लोग अपनी जिम्मेदारी निभाना बखूबी जानते हैं। परिवार के प्रति हमेशा अपना कर्तव्य समझते हैं, लेकिन खुद के प्रति लापरवाही बरतते हैं। मगर ऐसे लोगों पर भगवान की कृपा दृष्टि हमेशा बनी रहती है। ऐसे लोगों की मदद भगवान किसी न किसी रूप में कर देते हैं।
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image credit: herzindagi
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