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Jitiya Vrat 2025 Bhog: जीवित्पुत्रिका व्रत के दिन भगवान जीमूतवाहन को क्या भोग लगाना चाहिए?

इस साल जितिया व्रत 14 सितंबर, दिन रविवार का पड़ रहा है। जितिया व्रत में भगवान जीमूतवाहन की पूजा का विधान है। भगवान जीमूतवाहन की पूजा के बाद उन्हें भोग लगाना भी आवश्यक है। 
Editorial
Updated:- 2025-09-12, 12:22 IST

जितिया व्रत के दिन पूजा पाठ आपको विधा-विधान से करना चाहिए, क्योंकि यह व्रत आप अपने संतान के कल्याण के लिए कर रही हैं। इस व्रत में माताएं पूरे मन और श्रद्धा के साथ अपने बच्चों की सुरक्षा, खुशहाली और उन्नति के लिए व्रत करती हैं। इस वर्ष यह व्रत 14  सितंबर, रविवार के दिन पड़ रहा है। इस दिन आप  जीमूतवाहन की प्रतिमा या चित्र के सामने विधिपूर्वक पूजा कर सकती हैं। इस व्रत में भगवान को प्रसन्न करने के लिए खास भोग भी चढ़ाया जाता है।  इसी कड़ी में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि भगवान जीमूतवाहन की पूजा के बाद किस तरह का भोग चढ़ाया जाता है। आइये जानते हैं कि जितिया व्रत के दौरान भगवान जीमूतवाहन को कौन सी चीजों का भोग लगाना शुभ होता है।

जितिया या जीवितपुत्रिका व्रत 2025 का भोग (Jitiya or Jivit Putrika Vrat 2025 Ka Bhog)

jitiya vrat  ka bhog

जितिया व्रत के दौरान भगवान जीमूतवाहन की पूजा के बाद उन्हें पांच प्रकार के फल चढ़ाए जाते हैं। ऐसी अमान्यता है कि पांच प्रकार के फल भगवान जीमूतवाहन को अर्पित करने से संतान का जीवन भी धन-धान्य से भरा रहता है।

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फलों के अलावा, भगवान जीमूतवाहन को ठेकुआ का भोग भी लगाया जाता है। ठेकुआ मुख्य रूप से बिहार-झारखंड की पारंपरिक मिठाई। हां, मगर ठेकुआ के अलावा भी आप किसी अन्य मिठाई का भोग भगवान जीमूतवाहन को लगा सकते हैं। 

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भगवान जीमूतवाहन को जितिया व्रत में गुजिया का भोग भी लगाना शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि गुजिया का भोग लगाने से भगवान जीमूतवाहन प्रसन्न होकर संतान पर कृपा बरसाते हैं। भगवान जीमूतवाहन संतान की साक्षात रक्षा करते हैं।

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जितिया व्रत के दौरान भगवान जीमूतवाहन को अरबी के पत्तों से बनी सब्जी का भी भोग लगाया जाता है। इसके अलावा, अपनी श्रद्धा और क्षमता अनुसार आप जो भी भोग लगाना चाहते हैं लगा सकते हैं। भगवान जीमूतवाहन प्रसन्नता से ग्रहण करेंगे।

 

आप भी इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से यह जान सकते हैं कि जितिया व्रत के दिन भगवान जीमूतवाहन को किन-किन चीजों का भोग लगाना चाहिए। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से। 

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FAQ
जितिया व्रत कब मनाया जाता है?
यह व्रत हर साल आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष यह व्रत 14 सितंबर को है।
जितिया व्रत का धार्मिक महत्व क्या है?
यह व्रत माताओं की भक्ति, प्रेम और संतान कल्याण की भावना को दर्शाता है। इसमें बच्चों की लंबी उम्र और सुरक्षा के लिए माताएं व्रत रखती हैं। 
क्या जितिया व्रत सिर्फ माताओं के लिए है?
हां, खास तौर पर यह व्रत माताओं द्वारा अपने बच्चों की भलाई और सुरक्षा के लिए रखा जाता है।
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