avoid these mistakes while burning camphor in home temple everyday

घर के मंदिर में रोजाना जलाती हैं कपूर तो न करें ये गलतियां, बढ़ सकती है नकारात्मक ऊर्जा

Kapur Jalane Ke Niyam: अगर आप रोजाना घर के मंदिर में कपूर जलाती हैं, तो कुछ सामान्य गलतियां हैं जिन्हें करने से बचना चाहिए नहीं तो इसका सकारात्मक प्रभाव उल्टा हो सकता है और घर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ सकती है।
Editorial
Updated:- 2025-11-12, 14:47 IST

हिंदू धर्म में कपूर को अत्यंत पवित्र माना गया है और यह लगभग हर पूजा-आरती का एक अभिन्न अंग है। इसे जलाने का मुख्य उद्देश्य वातावरण को शुद्ध करना, नकारात्मक ऊर्जा को दूर करना और भगवान की आरती करना है। कपूर की सुगंध वातावरण में सकारात्मकता और शांति लाती है।हालांकि, अगर आप रोजाना घर के मंदिर में कपूर जलाती हैं, तो कुछ सामान्य गलतियां हैं जिन्हें करने से बचना चाहिए नहीं तो इसका सकारात्मक प्रभाव उल्टा हो सकता है और घर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ सकती है। इन गलतियों को समझना और सही विधि का पालन करना आवश्यक है ताकि आपको कपूर जलाने का पूरा लाभ मिल सके। आइये जानते हैं इस बारे में वृंदावन के ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से।

घर के मंदिर में कपूर जलाने के नियम 

कई लोग कपूर जलाते समय उस स्थान की पूरी तरह से साफ-सफाई पर ध्यान नहीं देते। कपूर जिस थाली या पात्र में जलाया जा रहा है, वह गंदा हो सकता है या मंदिर के आसपास धूल जमी हो सकती है। अगर कपूर को अशुद्ध वातावरण में जलाया जाता है तो यह सकारात्मक ऊर्जा लाने के बजाय बाधा उत्पन्न कर सकता है।

ghar ke mandir mein kapur jalane ke niyam

पूजा में अशुद्धता नकारात्मक शक्तियों को आकर्षित करती है। कपूर जलाने से पहले, मंदिर के आस-पास के स्थान और उस पात्र को अच्छी तरह से साफ करें जिसमें कपूर रखा जाना है। कपूर को किसी भी समय, विशेष रूप से दिन के निष्क्रिय या दूषित समय में जलाना, जब पूजा का माहौल न हो।

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कपूर की ऊर्जा का सर्वोत्तम लाभ लेने के लिए सही समय महत्वपूर्ण है। गलत समय पर यह उचित प्रभाव नहींदिखा पाता। कपूर हमेशा आरती के समय जलाना सबसे उत्तम होता है, यानी सुबह और शाम की पूजा के बाद। यदि आप नकारात्मक ऊर्जा हटाने के लिए जला रही हैं, तो इसे सूर्यास्त के बाद जलाकर पूरे घर में घुमाना चाहिए।

कुछ लोग कपूर की राख को तुरंत बिना किसी श्रद्धा के कचरे में फेंक देते हैं या फिर कुछ लोग इसे लंबे समय तक उसी स्थान पर इकट्ठा होने देते हैं। कपूर की राख को शक्ति का अवशेष माना जाता है। इसे कचरे में फेंकना अपमान माना जा सकता है।

ghar ke mandir mein kapur jalane ke labh

वहीं, इसे इकट्ठा होने देना मंदिर में अव्यवस्थित ऊर्जा पैदा करता है। कपूर की राख को पूजा समाप्त होने के बाद तुरंत हटा देना चाहिए और इसे किसी पवित्र स्थान जैसे किसी पेड़ की जड़ में या बहते हुए पानी में विसर्जित कर देना चाहिए।

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कपूर को केवल एक सुगंधित एयर फ्रेशनर की तरह जलाना, बिना किसी श्रद्धा, ध्यान या मंत्र जाप के। बिना पूजा-भाव के केवल भौतिक रूप से कपूर जलाने से उसकी आध्यात्मिक शक्ति कम हो जाती है और वह केवल धुंआ बनकर रह जाता है जिससे नकारात्मक ऊर्जा पर कोई खास असर नहीं पड़ता।

कपूर हमेशा आरती के दौरान या किसी विशेष मंत्र का जाप करते हुए ही जलाना चाहिए। ऐसा करने से उसकी ऊर्जा मंत्र की शक्ति से जुड़कर सकारात्मकता को बढ़ाती है।

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FAQ
घर की किस दिशा में कपूर जलाने से होता है स्वास्थ्य में सुधार?
घर की घर की दक्षिण-पूर्व दिशा में कपूर जलाने से होता है स्वास्थ्य में सुधार।
पीपल के पेड़ के नीचे कपूर जलाने से क्या होता है?
पीपल के पेड़ के नीचे कपूर जलाने से ग्रह दोष दूर होते हैं।
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