14 अगस्त 2025 का पंचांग कई खास बातों से भरा है। आज के दिन भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि है जो अगले दिन सुबह 2:07 बजे तक रहेगी। नक्षत्र की बात करें तो सुबह 9:06 बजे तक रेवती नक्षत्र रहेगा जिसके बाद अश्विनी नक्षत्र शुरू हो जाएगा। आज के दिन शूल योग रहेगा जो दोपहर 1:12 बजे तक रहेगा उसके बाद गण्ड योग का आरंभ होगा। आज दिन गुरुवार का है और आक के दिन हलषष्ठी का पर्व भी मनाया जाएगा। आज के दिन ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स द्वारा यह बताया गया है कि आज का पंचांग कई शुभ मुहूर्त और विशेष योग लेकर आया है।
तिथि | नक्षत्र | दिन/वार | योग | करण |
भाद्रपद कृष्ण षष्ठी | रेवती | गुरुवार | शूल | गर |
प्रहर | समय |
सूर्योदय | सुबह 5:50 बजे |
सूर्यास्त | शाम 7:01 बजे |
चंद्रोदय | रात 9:48 बजे |
चंद्रास्त | अगले दिन सुबह 10:17 बजे |
मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
ब्रह्म मुहूर्त | सुबह 4:26 बजे से सुबह 5:14 बजे तक |
अभिजीत मुहूर्त | सुबह 11:59 बजे से दोपहर 12:25 बजे तक |
अमृत काल | सुबह 06:50 बजे से सुबह 08:20 बजे तक |
विजय मुहूर्त | दोपहर 02:37 बजे से दोपहर 03:30 बजे तक |
गोधूलि मुहूर्त | शाम 07:01 बजे से शाम 07:23 बजे तक |
संध्या मुहूर्त | शाम 07:01 बजे से रात 08:06 बजे तक |
सर्वार्थ सिद्धि योग | पूरे दिन |
मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
राहु काल | दोपहर 2:04 बजे से 3:43 बजे तक |
गुलिक काल | सुबह 10:01 बजे से 11:40 बजे तक |
यमगंड | सुबह 6:42 बजे से 8:22 बजे तक |
दिशाशूल | दक्षिण दिशा |
14 अगस्त 2025 को मुख्य रूप से हलषष्ठी जिसे हलछठ के नाम से भी जाना जाता है मनाई जाएगी। यह पर्व भगवान श्री कृष्ण के बड़े भाई बलराम के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं संतान की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं। इस व्रत में हल से जोते हुए अनाज और सब्जियों का सेवन नहीं किया जाता है। महिलाएं गाय के दूध और दही का भी सेवन नहीं करतीं, बल्कि भैंस के दूध और दही से बने पकवान खाती हैं। यह पर्व मुख्य रूप से छत्तीसगढ़, बिहार और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में मनाया जाता है।
चूंकि 14 अगस्त को गुरुवार है इसलिए इस दिन भगवान विष्णु और बृहस्पति देव का भी व्रत रखा जाता है। इस व्रत को रखने से जीवन में ज्ञान, धन, और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। भक्त इस दिन पीले वस्त्र पहनकर भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और कथा सुनते हैं।
चूंकि यह दिन गुरुवार का है, इसलिए यह भगवान विष्णु और बृहस्पति देव को समर्पित है। इस दिन आप पीले वस्त्र पहनें और भगवान विष्णु की पूजा करें। पूजा के दौरान आप उन्हें पीले फूल, केले, और गुड़ अर्पित कर सकते हैं। इसके साथ ही "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" मंत्र का जाप करना बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन बेसन के लड्डू या चने की दाल का दान करने से गुरु ग्रह मजबूत होता है और आपके जीवन में धन, सम्मान और सौभाग्य आता है।
14 अगस्त को हलषष्ठी का पर्व होने के कारण आप भगवान बलराम और षष्ठी देवी की पूजा कर सकते हैं। इस दिन संतान की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखा जाता है। आप सुबह स्नान के बाद भगवान बलराम की पूजा करें और उन्हें हल का प्रतीक अर्पित करें। इस दिन बिना हल से जोते गए अनाज जैसे कि महुआ और पसही चावल का सेवन करना शुभ माना जाता है। ऐसा करने से संतान से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं और परिवार में खुशहाली आती है।
गुरुवार और हलषष्ठी का यह अद्भुत संयोग आपको एक खास उपाय करने का मौका देता है। आप सुबह स्नान के बाद भगवान विष्णु और बलराम दोनों की पूजा एक साथ करें। पूजा के बाद अपने घर में एक हल्दी की गांठ को लाल कपड़े में बांधकर अपनी तिजोरी में रखें। इससे घर में धन का आगमन होता है। साथ ही, पूजा के दौरान किसी जरूरतमंद को भोजन या वस्त्र दान करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
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