थर्ड जेंडर को समझना समाज के लिए अभी नया है। समाज में इनकी भी एक अलग पहचान है। इनकी पहचान का प्रतीक LGBTQ+ फ्लैग भी अपने रंगों और उसके महत्व के लिए खास है। इस LGBTQ+ फ्लैग में हर रंग का अपना एक महत्व ह
रंगों का अर्थ
पिंक- सेक्सुएलिटी
लाल- लाइफ
ऑरेंज- इलाज के लिए
येलो- सूरज की रोशनी
हरा- प्रकृति
नीला- शांति
फिरोजी- आर्ट
बैंगनी-
खास है झंडा
इस फ्लैग में कई सारे कलर्स है। झंडे का हर के कलर एलजीबीटी से जुड़े इवेंट्स से संबंधी है। यह इंद्रधनुष की तरह दिखने वाला झंडा एलजीबीटी समुदाय के गर्व से जुड़ा है।
किसने डिजाइन किया
इस कलरफुल फ्लैग को गिर्ल्बट बेकर ने डिजाइन किया था। वह गे राइट्स ऐक्टिविस्ट और आर्टिस्ट थे। उनके अनुसार झंडा क्रांति का प्रतीक होता है। जब एक बार वह अपने दोस्त के साथ डांस कर रहे हैं
LGBTQ+ क्या है?
L यानी लेस्बियन, G- गे, B- बाईसेक्सुअल, T- ट्रांसजेंडर, Q का अर्थ क्वीयर।
जून में ही क्यों
प्राइड मंथ जून में सेलिब्रेट किया जाता है। ऐसे में अक्सर लोगों के जहन में सवाल आता है कि आखिर जून में ही क्यों प्राइड मंथ बनाया जाता है। दरअसल 28 जून 1969 की हिंसक दिन की याद में प्रा
प्राइड मंथ की शुरुआत
साल 2000 में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने पहली बार प्राइड मंथ की आधिकारिक रूप से घोषणा की थी। लेकिन इस मंथ की कहानी काफी पुरानी है। दरअसल 1969 में जून के महीने में मैनह
प्राइड मंथ
प्राइड मंथ की शुरुआत भले ही अमेरिका में हुई। मगर आज यह कई देशों में फैल चुका है। कई देशों में प्राइड मंथ के दौरान सड़क पर परेड की जाती है।
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