दुनिया में कितने तरह के कैलेंडर को माना जाता है?


Pragati Pandey
31-01-2025, 15:45 IST
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    कैलेंडर वह प्रणाली है, जिसका उपयोग हम सालों से करते आ रहे हैं। साल, महीना और दिन के साथ तमाम तरह के पर्वों की जानकारी के लिए हम कैलेंडर का ही इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि दुनियाभर में कितने प्रकार के कैलेंडर को माना जाता है।

ग्रेगोरियन कैलेंडर

    ग्रेगोरियन कैलेंडर, जो सबसे ज्यादा प्रचलित और इस्तेमाल किए जाने वाला कैलेंडर है। 1582 में पोप ग्रेगोरी XIII द्वारा इसे लागू किया गया था । यह कैलेंडर 365.24 दिनों को मानता है और leap year की व्यवस्था भी इसी कैलेंडर में है।

यहूदी कैलेंडर

    यहूदी कैलेंडर को चंद्र और सौर कैलेंडर का मेल माना जाता है। दुनियाभर के देशों में रहने वाले यहूदी इसी कैलेंडर का इस्तेमाल करते हैं। इसका दूसरा नाम हिब्रू कैलेंडर है।

इस्लामी कैलेंडर

    इस्लामी कैलेंडर, जिसे हिजरी कैलेंडर भी कहा जाता है। यह चंद्रमा पर आधारित होता है। इसमें साल 354 या 355 दिन का होता है। इसका ज्यादातर इस्तेमाल अरब के देशों में होता है।

भारतीय कैलेंडर

    भारतीय कैलेंडर विक्रम संवत और शक संवत भी कहा जाता है। यह कैलेंडर चंद्र और सूर्य दोनों पर आधारित होता है। भारत सरकार के कामों में ग्रेगोरियन कैलेंडर के साथ-साथ शाक कैलेंडर का भी इस्तेमाल किया जाता है।

चीनी कैलेंडर

    चीनी कैलेंडर चंद्रमा और सूर्य के अनुसार होता है। यह ग्रेगोरियन कैलेंडर से बहुत अलग होता है। इसका इस्तेमाल चीन के कामों और छुट्टियों के लिए किया जाता है। इसके साथ ही इसे कृषि कैलेंडर भी कहा जाता है।

जूलियन कैलेंडर

    जूलियन कैलेंडर की शुरुआत 46 ई.पू. में रोमन जनरल जूलियस सीजर ने किया था। इस कैलेंडर में 365.25 दिन में एक वर्ष को माना जाता है। इसकी वजह से कई बार गलतियां हुई। इस वजह से बाद में ग्रेगोरियन कैलेंडर से इसे बदल दिया गया।

दुनियाभर में कैलेंडर की विविधता

    कैलेंडर हमारे जीवन के अनिवार्य अंग हैं, और विभिन्न देशों में इनका भी इनका महत्व है। प्रत्येक कैलेंडर की अपनी विशेषताएं और सांस्कृतिक महत्व होता है।

    कैलेंडर हमारी दिनचर्या को काफी आसान बनाते हैं। खबर पसंद आई हो, तो शेयर करें। ऐसी ही अन्य खबरों के लिए herzindagi.com से जुड़े रहे।

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