हिंदू धर्म के अनुसार सोमवार को होने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहा जाता है। इस साल 13 अमावस्या हैं, जिनमें केवल दो ही सोमवती अमावस्या हैं। पहली 31 जनवरी को थी और दूसरी 30 मई को आने वाली है।
मान्यता के अनुसार इस दिन व्रत, पूजन और पितरों को जल तिल चढ़ाने का प्रचलन है। सुहागिनों के लिए तो सोमवती अमावस्या व्रत खास महत्व रखता है।
कहते हैं कि इस दिन शिव-पार्वती की पूजा और व्रत करने से सुहाग की आयु लंबी होती है और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। आइए जानें इस शुभ दिन पर क्या करें और क्या न करें-
सुबह न सोएं
सोमवती अमावस्या के दिन भूलकर भी देर तक नहीं सोना चाहिए। कहते हैं, देर तक सोने से नकारात्मक चीजें हावी होती हैं। इसलिए सुबह जल्दी जागें और पूजा-पाठ करें।
नहाएं
सोमवती अमावस्या के दिन स्नान का खास महत्व है। लोग पवित्र नदियों में इस दिन स्नान करने जाते हैं। इस दिन स्नान करके सूर्य को जल चढ़ाना शुभ होता है।
पीपल की पूजा करें
अमावस्या के दिन पीपल की पूजा करना शुभ होता है, लेकिन शनिवार के अलावा किसी और दिन पीपल का स्पर्श न करें। इससे धन की हानि होती है।
दान करें
इस दिन पर अन्न और वस्त्र का दान करना शुभ माना जाता है। कहते हैं जरूरतमंदों को दान करने पर शुभ फल की प्राप्ति होती है।
नॉनवेज न खाएं
सोमवती अमावस्या के दिन प्याज-लहसुन, मांस और मदिरा का सेवन करने से बचना चाहिए। तामसिक भोजन से धन और स्वास्थ पर बुरा असर पड़ता है।
पूजा-पाठ करें
सोमवती अमावस्या के दिन अगर व्रत की हैं, तो पीपल की परिक्रमा करें और अपने पूर्वजों के आत्मा की शांति के लिए पूजा-पाठ करें।
शांत माहौल रखें
इस दिन कोई ऐसा काम न करें, जिनसे आपके पूर्वजों को दुख हो। आपस में घर पर भी माहौल शांत और सभ्य बनाए रखें।
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