जब भी बात हिन्दू देवी-देवताओं की आती है ऐसा कहा जाता है कि हिन्दू धर्म में 33 करोड़ देवी-देवता हैं। ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं इसके पीछे का सत्य।
33 करोड़ देवी-देवताओं का सत्य
हिन्दू धर्म में जितने भी ग्रंथ, पुराण, वेद आदि का उल्लेख मिलता है उन्हें संस्कृत भाषा में रचा गया है। उसी संस्कृत भाषा में लिखित ग्रंथों का हिंदी अनुवाद हुआ है जिसे आज के समय में हम सब पढ़ते हैं।
संस्कृत में लिखें हैं ग्रंथ
संस्कृत में कई ऐसे शब्द हैं जिनके अनेक अर्थ हैं और हिंदी अनुवाद करते हुए पंक्ति में उल्लेखित शब्द का अर्थ चुनते समय अक्सर गलतियां होती हैं।
संस्कृत शब्द है कोटि
ऐसा माना जाता है कि ऐसा ही कुछ हुआ था 33 करोड़ देवी-देवताओं वाली वर्णित पंक्ति में। शब्द का अर्थ कुछ और था और उसे अंकित कुछ और किया गया।
क्या है 33 कोटि का अर्थ
हिंद धर्म के ग्रंथों में 'कोटि' देवभाषा संस्कृत का शब्द है जिसका मूल अर्थ है प्रकार। इसका अर्थ हुआ कि हिन्दू धर्म में 33 कोटि देवी-देवता यानी कि 33 प्रकार के देवी-देवता हैं।
33 कोटि देवी-देवताओं का स्थान
यहां 33 कोटि का मूल अर्थ 33 प्रकार है न कि 33 करोड़। ये 33 प्रकार के देवी-देवता हिन्दू धर्म में सर्वोच्च माने गये हैं।
कौन हैं 33 देवी-देवता
इनका विभाजन कुछ इस प्रकार हैं: 12 आदित्य, 11 रुद्र, आठ वसु, इंद्र और प्रजापति। कुछ जगहों पर इंद्र और प्रजापति की अपेक्षा 2 आश्विन कुमारों के नाम जोड़े जाते हैं।