मोहित बाथरूम से बाहर आता है और अपना फोन बेड से उठाता है। फोन पर उसके दोस्त राहुल की कॉल आई थी.. दोस्त का नाम पढ़कर मोहित के चेहरे पर थोड़ा तो सुकून नजर आया…
जैसे-तैसे इस बार मोहित ने काव्या का मैसेज पढ़ लिया…एक बार फिर काव्या ने मोहित को तस्वीर भेजी थी… मोहित फिर से तस्वीर देखकर हैरान रह गया…
दरअसल, तस्वीर एक लड़की के हाथ की थी, जिसके हाथ पर तितली के डिजाइन का टैटू बना हुआ था…इस एक तस्वीर ने मोहित को इतना परेशान कर दिया था कि वह घबराहट में सही से बात भी नहीं कर पा रहा था…मोहित लगातार तस्वीर को घूरे जा रहे थे..तस्वीर देखते-देखते कब 4 घंटे निकल गए पता भी नहीं चला…
रात के 8 बज गए थे और मां, मोहित का दरवाजा खटखटाते हुए बोलीं....मोहित बेटा खाना बन गया है बाहर आकर खाना खा लो.. अगर तुम्हारा सिर दर्द ठीक नहीं हुआ है, तो खाना खाने के बाद दवाई ले लेना। (फेसबुक, दोस्ती और ... कहानी का पहला पार्ट)
मां की आवाज सुनते ही कमरे के अंदर से आवाज आई…ठीक है मां मैं 10 मिनट में आता हू..ऐसा लग रहा था जैसे मोहित अपनी मां को इसके बारे में कुछ बताना नहीं चाह रहा था…वह अपनी परेशानी और डर को छिपाते हुए खुशी-खुशी कमरे से बाहर आया और बोला.. मां मैं अब ठीक हूं…चलो खाना खाते हैं। आज मुझे रात में पढ़ाई करनी है, तो मैं देर तक जागूंगा.. ऐसा बोलकर मोहित जल्दी-जल्दी खाना खाने लगा…
बेटे को इस तरह खाना खाते हुए देख, मां ने कहा कि अरे थोड़ा आराम से खाओ…गले में अटक जाएगा…
मां की बात सुनकर मोहित मुस्कुराया और धीरे-धीरे खाने लगा। खाना खत्म होते ही मोहित अपने कमरे की तरफ भागा और बोला ..मां मुझे परेशान मत करना ... मैं पूरी रात पढ़ाई करूंगा।
ये बोलते ही मोहित ने कमरे को अंदर से बंद कर लिया और बिल्कुल शांती हो गई… मां को सब ठीक लग रहा था ..इसलिए उन्होंने मोहित से कोई सवाल नहीं किया।
कमरे में जाते ही मोहित ने अपना फोन उठाया और काव्या का मैसेज देखा.. उसे लग रहा था कि काव्या की तरफ से फिर से कोई मैसेज आया होगा.. लेकिन 2 तस्वीरों और 1 ऑडियो क्लिप के सिवा काव्या ने मोहित को और कुछ नहीं भेजा था…
जैसे-तैसे अब मोहित ने ऑडियो क्लिप सुनने की भी हिम्मत जुटा ली थी…मोहित ने अपना इयर फोन कान में लगाया और ऑडियो प्ले किया...ऑडियो सुनते ही मोहित के आंखों से आंसू बहने लगे… ऐसा लग रहा था मानों मोहित का दिल कोई निचोड़ रहा है…
मोहित ने तुरंत कान से इयर फोन निकाला और फोन को दूर रखकर बेड पर जाकर लेट गया..मोहित के आंखो से आसूं नहीं रूक रहे थे.. वह लगातार रोए जा रहा था…
ऑडियो में काव्या ने मोहित को एक गाना भेजा था… ये गाना मोहित का एक समय पर फेवरेट हुआ करता था… अब मोहित के कानों में बस… गाने की धुन गुंजी जा रही थी….ऐसा लग रहा था कोई उसके कान में कह रहा है कि ‘…तूझे सोचता हूं मैं शाम ओ सुबह.. इससे ज्यादा तुझे और चाहूं तो क्या…’ ये गाना मोहित के कान में लगातार बज रहा था…
मोहित दोनों कानों पर हाथ रखकर बस सोने की कोशिश कर रहा था कि कब सुबह हो गई..पता भी नहीं चला…
मां ने मोहित का दरवाजा खटखटाया और कहा…बेटा कॉलेज नहीं जाना है क्या.. अभी तक सो रहे हो…मां की आवाज सुनकर मोहित ने कहा…नहीं मां मैंने पूरी रात पढ़ाई की है, इसलिए आज मैं दिन में सोऊंगा इसलिए कॉलेज नहीं जाऊंगा…इस तरह बहाना करते हुए मोहित को अब 2 दिन बीत गए थे.. मोहित बस खाना खाने के लिए कमरे से बाहर आता और फिर पढ़ाई का बहाना बनाकर कमरे को अंदर से बंद कर लेता।
बेटे को ऐसे में हाल में देखकर अब मां भी परेशान हो गई थी.. इसलिए उन्होंने मोहित के दोस्त राहुल को इस बारे में बताया… मां की बात सुनकर अगले ही दिन राहुल.. मोहित से मिलने घर पहुंच गया…राहुल ..मोहित के कमरे के बाहर खड़ा दरवाजा पीट रहा था और कह रहा था.. अबे मुझे तो कमरे में आने दे…राहुल के बार-बार बोलने पर मोहित ने राहुल को कमरे में आने दिया…मोहित को ऐसे हाल में देखकर राहुल समझ गया था कि मोहित के साथ कुछ ऐसा हुआ है जिसकी वजह से वो परेशान है।
बिना सोचे समझे राहुल ने मोहित से सीधा पूछ लिया..काव्या कौन है ? तू उसे जानता है क्या…बता..
उस दिन काव्या ने तुझे ऐसा क्या भेजा था, जिसकी वजह से तू परेशान होकर घर आ गया था..सच-सच बता वरना मैं तेरी मां को बता दूंगा कि ये किसी लड़की के चक्कर में फंसा है..
राहुल के बार-बार कहने पर भी मोहित बोलता रहा कि मैं काव्या को नहीं जानता…मोहित की ऐसी हरकत देखकर राहुल ने गुस्से में मोहित का फोन छीना और काव्या को मैसेज कर दिया…राहुल के मैसेज करते ही मोहित और ज्यादा घबरा गया और उसे राहुल को कमरे से बाहर कर दिया…
राहुल ने चिल्लाकर कहा. आज तो तूने मुझे कमरे से बाहर निकाल दिया.. लेकिन कल मैं फिर आउंगा…ये बोतले हुए राहुल घर से बाहर चला गया…
रात हो गई थी…मोहित परेशान हो रहा है था कि वह काव्या से कैसे बात करेगा. राहुल ने काव्या को मैसेज में पूछा था कि तुम कौन हो…मोहित घबरा रहा था कि अब काव्या का फिर से उसे मैसेज आने वाला है..अभी मोहित ये सब सोच ही रहा था कि तभी फोन में मैसेज की आवाज आई…इस बार मोहित ने फौरन फोन उठा लिया और काव्या का रिप्लाई पढ़ा…
काव्या ने कहा कि…अरे मोहित.. तुमने अभी तक मुझे नहीं पहचाना क्या… अरे तुम मुझे कैसे भूल सकते हो…मैसेज पढ़कर मोहित के आंखों में आंसू भर आए थे।
मोहित के हरकतों से ये समझा जा सकता था कि वो काव्या को जानता है। अगर वो काव्या को नहीं जानता होता तो उसे उन फोटोज से कोई फर्क नहीं पड़ता। इससे भी ज्यादा बड़ी बात ये थी कि आखिर मोहित का ‘…उस गाने से क्या लगाव था.. क्यों काव्या द्वारा भेजे गए गाने….तूझे सोचता हूं मैं शाम ओ सुबह. सुनकर उसे रोना आ गया था…
आखिर कौन थी काव्या..क्यों मोहित को उससे बात करने से घबराहट हो रही थी.. जानने के लिए पढ़ें अगला एपिसोड
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