तुला राशि के जातकों का व्यक्तित्व अत्यधिक संतुलित, आकर्षक और सामंजस्यपूर्ण होता है। वे स्वभाव से मिलनसार, समझदार और न्यायप्रिय होते हैं। चलिए ज्योतिषाचार्य सौरभ त्रिपाठी से जानते हैं कि तुला राशि के जातकों के लिए वर्ष 2025 कैसा रहेगा और इस वर्ष के लिए सबसे महत्वपूर्ण हाइलाइट्स उनकी राशि में क्या है।
प्रेम जीवन (Love Life):
2025 में तुला राशि के जातकों का प्रेम जीवन मिलाजुला रहेगा। जनवरी के पहले हिस्से (20 जनवरी तक) और फिर 2 अप्रैल से 6 जून तक मंगल की चतुर्थ दृष्टि से आपके रिश्तों में उत्साह और ऊर्जा आएगी, जिससे संबंध मजबूत होंगे। हालांकि, भावनाओं को व्यक्त करते समय संयम रखना महत्वपूर्ण होगा। 2 मार्च से 12 अप्रैल तक शुक्र के वक्री होने से गलतफहमियां और अस्थिरता बढ़ सकती हैं, इसलिए खुलकर संवाद करना जरूरी होगा। 13 अप्रैल से 14 मई तक सूर्य की नीच दृष्टि से तनाव बढ़ सकता है, ऐसे में साथी के दृष्टिकोण का सम्मान करें।
वित्तीय स्थिति (Financial Status):
2025 में तुला राशि के जातकों के लिए आर्थिक दृष्टिकोण मिलाजुला रहेगा। वर्ष की शुरुआत में मंगल की चतुर्थ दृष्टि से आपको कार्यों में सक्रियता और लाभ हो सकता है, लेकिन वाहन चलाते समय सावधानी रखें। 2 मार्च से 12 अप्रैल तक शुक्र का वक्री आर्थिक रुकावटें ला सकता है, इसलिए बड़े वित्तीय निर्णय से बचें। 14 मई से 19 अक्टूबर तक गुरु की शत्रु दृष्टि से नौकरी और व्यवसाय में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। 31 मई से 29 जून तक आर्थिक लाभ का योग बनेगा, लेकिन 9 अक्टूबर से 2 नवंबर तक आय में कमी और खर्चों में वृद्धि हो सकती है।
पारिवारिक जीवन (Family Life):
2025 में तुला राशि के जातकों के पारिवारिक जीवन में कुछ चुनौतियां आ सकती हैं। 14 मई से 19 अक्टूबर तक गुरु की शत्रु दृष्टि से पारिवारिक तनाव और अस्थिरता संभव है। इस दौरान परिवार के सदस्यों के बीच मतभेद हो सकते हैं, जिससे घरेलू माहौल में कलह उत्पन्न हो सकता है। 31 मई से 29 जून और 29 जून से 25 जुलाई के बीच शुक्र की स्वगृही और अष्टमस्थ दृष्टि पारिवारिक जीवन में सुख और सामंजस्य लाएगी। हालांकि, सितंबर और अक्टूबर में शुक्र के नीचस्थ होने से तनाव बढ़ सकता है, और 5 दिसंबर के बाद पारिवारिक उलझनें बढ़ सकती हैं।
स्वास्थ्य (Health):
2025 में तुला राशि के जातकों को स्वास्थ्य के मामले में विशेष सावधानी बरतनी होगी। जनवरी की शुरुआत से 20 जनवरी तक और 2 अप्रैल से 6 जून तक मंगल की चतुर्थ दृष्टि के कारण वाहन चलाते समय और शारीरिक गतिविधियों में सतर्क रहें, क्योंकि चोटें या दुर्घटनाएं हो सकती हैं। 2 मार्च से 12 अप्रैल तक शुक्र के वक्री और 13 अप्रैल से 14 मई तक सूर्य की नीच दृष्टि से मानसिक तनाव और शारीरिक थकान हो सकती है। 31 मई से 29 जून तक स्वास्थ्य में सुधार होगा, लेकिन 29 जून से 25 जुलाई तक कुछ समस्याएं हो सकती हैं। 9 अक्टूबर से 2 नवंबर तक थकान और कमजोरी हो सकती है, इसलिए दिनचर्या को संतुलित रखें।
उपाय (Remedies):
- शुक्र के वक्री और नीचस्थ समय में "ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः" मंत्र का जाप करें।
- गुरुवार को पीले वस्त्र पहनें और भगवान विष्णु की पूजा करें।
- शनिवार को शनि देव के लिए सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
- आर्थिक स्थिरता के लिए नियमित रूप से देवी लक्ष्मी की पूजा करें।
- मानसिक तनाव कम करने के लिए ध्यान और योग का अभ्यास करें।
लगातार 21 शुक्रवार श्रीदुर्गा पूजन करें, 5 कन्याओं का पूजन करें, उन्हें खीर सहित श्वेत वस्त्र दें और गौशाला में शुक्रवार से सात दिन तक गाय को हरा चारा और गुड़ डालें।
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