मंदिर को पूजा का एक ऐसा स्थान माना जाता है जहां जाने से आपके मन को शांति मिलती है और मनोकामनाओं की पूर्ति भी होती है। शास्त्रों में बताया गया है कि मंदिर केवल ईश्वर की उपासना का स्थान ही नहीं है, बल्कि यहां किए गए हर कार्य का आपके जीवन में गहरा आध्यात्मिक प्रभाव भी होता है और इसके शुभ फल भविष्य में होते हैं। मंदिर में प्रवेश के समय शुद्धता बनाए रखना जरूरी है, जिस तरह से मंदिर में प्रवेश के लिए कुछ विशेष नियम बनाए गए हैं उसी तरह मंदिर से बाहर निकलते समय भी कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि मंदिर से बाहर निकलते समय अगर आप ज्योतिष के कुछ नियमों का पालन करती हैं तो जीवन में समृद्धि बनी रहती है। वहीं अगर आप यहां बताई कुछ बातों का ध्यान रखें तो पूजा का पूर्ण फल भी मिल सकता है। आइए ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी से जानें इसके बारे में विस्तार से।
मंदिर से बहार निकलते समय अगर आप मंदिर की सीढ़ियों को झुककर स्पर्श करती हैं तो इसके शुभ फल आपके जीवन में दिखाई देते हैं।
ऐसी मान्यता है कि मंदिर की सीढ़ियों को स्पर्श करने से पूजा का पूर्ण फल मिलता है। शास्त्रों में बताया गया है कि मंदिर की सीढ़ियों पर देवताओं का वास होता है। इसलिए मंदिर से बाहर निकलते समय सीढ़ियों को हाथ से स्पर्श करके माथे से लगाना शुभ माना जाता है। ऐसा करने से आपके कई पाप भी समाप्त होते हैं।
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हम अक्सर जब भी घर से मंदिर जाते हैं जल का लोटा साथ में लेकर जाते हैं, लेकिन मंदिर से बाहर निकलते समय खाली लोटा ही वापस ले आते हैं। ऐसा करना ठीक नहीं माना जाता है और यदि आप ऐसा करती हैं तो पूजा का लाभ नहीं मिलता है। ज्योतिष में ऐसी मान्यता है कि मंदिर से खाली लोटा घर लेकर आना अशुभ होता है। इसे दरिद्रता का प्रतीक माना जाता है। जब भी आप मंदिर से वापस लोटा लेकर आएं तब उसमें जल भरकर ही लाएं।
आपको मंदिर में प्रवेश करते समय हमेशा घंटा बजाना चाहिए जिससे आपकी अर्जी ईश्वर तक पहुंचती है, लेकिन जब आप मंदिर से बाहर निकलें तो भूलकर भी घंटा न बजाएं। मंदिर से बाहर निकलते समय घंटा बजाने से पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलता है। ऐसा करने से आपकी पूजा का प्रभाव भी कम हो सकता है, इसलिए मंदिर से बाहर निकलते समय शांति और श्रद्धा के साथ बाहर आएं और घंटा न बजाएं।
आप जब भी मंदिर में प्रवेश करती हैं आपको पुजारी पूजा के बाद प्रसाद जरूर देते हैं। ऐसे में आपको प्रसाद का कुछ हिस्सा मंदिर में ही ग्रहण कर लेना चाहिए। यदि आप प्रसाद लेकर घर आएं तो पहले इसे परिवार के अन्य लोगों या मित्रजनों के साथ बांट दें, लेकिन मंदिर से बाहर निकलते ही प्रसाद ग्रहण न करें। शास्त्रों में बताया गया है कि यदि आप मंदिर में ही प्रसाद ग्रहण करें तो ईश्वर का आशीर्वाद तुरंत प्राप्त होता है और पूजा का फल भी पूर्ण रूप से मिलता है।
शास्त्रों के अनुसार मंदिर से बाहर निकलने के तुरंत बाद आपको पैर नहीं धोने चाहिए। मंदिर में प्रवेश के समय पैर धोना शुभ माना जाता है, लेकिन बाहर निकलते समय पैरों को धोना अच्छा नहीं माना जाता है। इससे पूजा का प्रभाव कम हो सकता है और भगवान का आशीर्वाद भी नहीं मिलता है। मंदिर से बाहर निकलने के बाद सीधे घर लौटना ही उचित होता है। हालांकि आप घर वापस आने के थोड़ी देर बाद पैर धो सकती हैं।
यदि आप भी मंदिर से बाहर निकलते समय यहां बताई बातों का ध्यान रखती हैं तो आपको पूजा का पूर्ण फल मिलता है। आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से। अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
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