हरियाली अमावस्या जिसे श्रावण अमावस्या भी कहते हैं सावन मास में आने वाली अमावस्या तिथि को मनाई जाती है। इस दिन लोग पौधे लगाते हैं विशेषकर नीम, पीपल, तुलसी, और बरगद जैसे पवित्र वृक्ष क्योंकि यह माना जाता है कि ऐसा करने से देवी-देवताओं का आशीर्वाद मिलता है और ग्रह दोष शांत होते हैं। हरियाली अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण भी किया जाता है ताकि उन्हें मोक्ष मिले। ऐसे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि हरियाली अमावस्या के दिन कौन से मंत्रों का जाप करने से ग्रहों के बुरे प्रभाव से छुटकारा मिल सकता है।
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय: यह भगवान विष्णु का मूल मंत्र है, जिसे "द्वादशाक्षर मंत्र" भी कहा जाता है। इस मंत्र का जाप करने से मन को शांति मिलती है और नकारात्मक विचारों से मुक्ति मिलती है। यह जीवन में समृद्धि, सुख और सौभाग्य लाता है। भगवान विष्णु को सृष्टि का पालनहार माना जाता है, इसलिए इस मंत्र के जाप से उनकी कृपा प्राप्त होती है और सभी कष्ट दूर होते हैं। यह मंत्र मोक्ष प्राप्ति में भी सहायक माना जाता है।
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ॐ नमः शिवाय: यह भगवान शिव का पंच-अक्षर मंत्र है। हरियाली अमावस्या पर भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है, क्योंकि सावन का महीना उन्हें समर्पित है। इस मंत्र का जाप करने से भय, चिंता और तनाव दूर होते हैं। यह आध्यात्मिक उन्नति और आंतरिक शक्ति प्रदान करता है। भगवान शिव को विनाशक और पुनर्जन्म का देवता माना जाता है, इसलिए यह मंत्र जीवन के नकारात्मक पहलुओं को नष्ट करने और सकारात्मकता लाने में मदद करता है। यह आपको अकाल मृत्यु के भय से भी बचाता है।
ॐ श्री महालक्ष्म्यै नम: यह देवी लक्ष्मी का मंत्र है, जो धन, समृद्धि और ऐश्वर्य की देवी हैं। हरियाली अमावस्या पर इस मंत्र का जाप करने से आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं और धन आगमन के नए मार्ग खुलते हैं। यह व्यापार में सफलता और नौकरी में उन्नति प्रदान करता है। देवी लक्ष्मी की कृपा से जीवन में भौतिक सुख-सुविधाएं प्राप्त होती हैं और दरिद्रता का नाश होता है। यह मंत्र कर्ज से मुक्ति दिलाने में भी सहायक है।
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ॐ हं हनुमते नम: यह भगवान हनुमान का शक्तिशाली मंत्र है। हरियाली अमावस्या पर इस मंत्र का जाप करने से बुरी शक्तियों और नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा होती है। यह आत्मविश्वास बढ़ाता है और हर चुनौती का सामना करने की शक्ति प्रदान करता है। भगवान हनुमान को बल, बुद्धि और विद्या का दाता माना जाता है, इसलिए इस मंत्र के जाप से आपको शारीरिक और मानसिक शक्ति मिलती है। यह आपको रोगों से मुक्ति दिलाने और शत्रु पर विजय प्राप्त करने में भी मदद करता है।
पितृ गायत्री मंत्र: ॐ पितृगणाय विद्महे जगत धारिणे धीमहि तन्नो पितृ प्रचोदयात्: यह पितरों को समर्पित गायत्री मंत्र है। हरियाली अमावस्या पितरों को याद करने और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने का दिन है। इस मंत्र का जाप करने से पितरों को शांति मिलती है और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह परिवार में सुख-शांति बनाए रखने में मदद करता है और पितृ दोष से मुक्ति दिलाता है। पितरों का आशीर्वाद जीवन में सफलता और बाधाओं को दूर करने में सहायक होता है। यह मंत्र वंश वृद्धि और संतान सुख के लिए भी लाभकारी माना जाता है।
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