5 september 2025 ka panchang

Aaj Ka Panchang 5 September 2025: शुक्र प्रदोष व्रत के दिन कर रही हैं नए काम का आरंभ, तो आज का पंचांग देखकर ही करें शुभ शुरुआत

पंचांग के अनुसार, इस दिन चतुर्थी तिथि के बाद पंचमी तिथि शुरू होगी और रेवती नक्षत्र के बाद अश्विनी नक्षत्र का योग बनेगा। यह दिन प्रदोष काल और अभिजीत मुहूर्त जैसे कई शुभ मुहूर्तों से भरा हुआ है जो किसी भी कार्य को शुरू करने के लिए अत्यंत शुभ माने जाते हैं।
Editorial
Updated:- 2025-09-05, 06:01 IST

5 सितंबर 2025, शुक्रवार का दिन ज्योतिषीय रूप से बेहद खास है क्योंकि इस दिन दो महत्वपूर्ण व्रत- शुक्र प्रदोष व्रत और शुक्रवार व्रत एक साथ पड़ रहे हैं। पंचांग के अनुसार, इस दिन चतुर्थी तिथि के बाद पंचमी तिथि शुरू होगी और रेवती नक्षत्र के बाद अश्विनी नक्षत्र का योग बनेगा। यह दिन प्रदोष काल और अभिजीत मुहूर्त जैसे कई शुभ मुहूर्तों से भरा हुआ है जो किसी भी कार्य को शुरू करने के लिए अत्यंत शुभ माने जाते हैं। इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान शिव दोनों की कृपा पाने का अद्भुत संयोग बन रहा है जिससे यह दिन धन, समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति के लिए बहुत ही फलदायी होगा। ऐसे में अगर आप आज कोई नए काम की शुरुआत करना चाहते है तो एमपी, छिंदवाड़ा के पंडित सौरभ त्रिपाठी द्वारा बताया गया आज का पंचांग देख सकते हैं।

आज का पंचांग 5 सितंबर 2025  

तिथि नक्षत्र दिन/वार योग करण
भाद्रपद शुक्ल त्रयोदशी रेवती शुक्रवार वृद्धि बालव

5 september ke panchag ki details

आज सूर्य और चंद्रमा का समय 5 सितंबर 2025

प्रहर समय
सूर्योदय  सुबह 06:01 बजे
सूर्यास्त शाम 06:38 बजे
चंद्रोदय  रात 09:17 बजे
चंद्रास्त सुबह 09:23 बजे

आज का शुभ मुहूर्त और योग 5 सितंबर 2025

मुहूर्त नाम मुहूर्त समय
ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04:28 बजे से सुबह 05:14 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:51 बजे से दोपहर 12:42 बजे तक
अमृत काल सुबह 06:17 बजे से सुबह 08:00 बजे तक

आज का अशुभ मुहूर्त 5 सितंबर 2025

मुहूर्त नाम मुहूर्त समय 
 राहु काल सुबह 10:45 बजे से दोपहर 12:20 बजे तक
 गुलिक काल सुबह 07:36 बजे से सुबह 09:10 बजे तक
 यमगंड दोपहर 03:29 बजे से शाम 05:03 बजे तक

5 september ke panchang ke bare mein

आज व्रत और त्योहार 5 सितंबर 2025

सितंबर 2025 को कोई बड़ा त्यौहार नहीं है, लेकिन यह दिन दो महत्वपूर्ण व्रतों के कारण बहुत खास है। इस दिन 'शुक्र प्रदोष व्रत' और 'शुक्रवार व्रत' एक साथ रखे जाएंगे जिससे यह दिन और भी अधिक शुभ हो जाता है।

प्रदोष व्रत हर महीने की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है और यह भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है। जब यह व्रत शुक्रवार के दिन पड़ता है, तो इसे 'शुक्र प्रदोष व्रत' कहते हैं, जो इसे और भी शक्तिशाली बना देता है। इस व्रत को करने से व्यक्ति को धन-संपत्ति, सौभाग्य और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। भक्त सूर्यास्त से ठीक पहले के समय, जिसे 'प्रदोष काल' कहते हैं, भगवान शिव की विशेष पूजा करते हैं। मान्यता है कि इस दिन शिव-पार्वती की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।

शुक्रवार का दिन देवी लक्ष्मी और शुक्र ग्रह (वीनस) को समर्पित होता है। जो लोग शुक्रवार का व्रत रखते हैं, उन्हें माता लक्ष्मी की विशेष कृपा मिलती है। यह व्रत धन, वैभव और ऐश्वर्य की प्राप्ति के लिए किया जाता है। इसके साथ ही, इस व्रत को करने से कुंडली में शुक्र ग्रह की स्थिति मजबूत होती है, जिससे प्रेम, सौंदर्य और भौतिक सुखों में वृद्धि होती है। इस दिन भक्त सफेद कपड़े पहनकर माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं और उन्हें खीर का भोग लगाते हैं।

आज का उपाय 5 सितंबर 2025

5 सितंबर 2025 को शुक्र प्रदोष व्रत और शुक्रवार व्रत का एक साथ होना एक बहुत ही शुभ संयोग है। इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से भगवान शिव, माता पार्वती और देवी लक्ष्मी की कृपा एक साथ प्राप्त की जा सकती है।

प्रदोष काल में स्नान करके साफ कपड़े पहनें। इसके बाद शिव मंदिर जाएं या अपने घर के मंदिर में ही एक शिवलिंग स्थापित करें। एक लोटा जल में थोड़ा सा कच्चा दूध और शहद मिलाकर शिवलिंग पर अर्पित करें। इसके साथ ही, 11 या 21 बेलपत्र 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप करते हुए चढ़ाएं। यह उपाय आपकी सभी मनोकामनाओं को पूरा करने और दांपत्य जीवन में सुख-शांति लाने में मदद करता है। प्रदोष काल के समय अपने घर के मंदिर में गाय के घी का एक चौमुखी दीपक जलाएं। यह दीपक भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है। इस उपाय से घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सुख-समृद्धि का वास होता है।

शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी की पूजा करें। पूजा के दौरान, उन्हें गुलाबी या लाल रंग का कमल का फूल अर्पित करें। इसके बाद, उन्हें खीर का भोग लगाएं। यह उपाय धन, वैभव और समृद्धि के लिए बहुत ही प्रभावी माना जाता है। भोग लगाने के बाद, आप इस खीर को प्रसाद के रूप में ग्रहण कर सकते हैं। शुक्रवार को देवी लक्ष्मी और शुक्र ग्रह को प्रसन्न करने के लिए सफेद मिठाई का दान बहुत शुभ माना जाता है। आप खीर, मिश्री, या सफेद बर्फी जैसी कोई भी मिठाई छोटी कन्याओं या गाय को खिला सकते हैं। ऐसा करने से शुक्र ग्रह मजबूत होता है, जिससे जीवन में सुख-सुविधाएं, प्रेम और सौभाग्य आता है।

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image credit: herzindagi 

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