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क्या आपने कभी सोचा है कि क्यों शहरों और गांवों के नाम के पीछे लगे होते हैं पुर, गंज या बाद? काफी इंट्रेस्टिंग है इसके पीछे के कारण

क्या आपने कभी नोटिस किया है कि भारत के कई शहरों और गांवों के नाम पुर, बाद या गंज से खत्म होते हैं। क्या आपको इसके पीछे की वजह पता है? चलिए आपको यह दिलचस्प जानकारी देते हैं।
Editorial
Updated:- 2025-10-25, 00:21 IST

हमारा भारत विविधताओं का देश है। यहां कई शहर, कस्बे और गांव हैं, अलग-अलग बोलियां बोली जाती हैं और अलग-अलग तरह के लोग निवास करते हैं। भारता का इतिहास भी काफी दिलचस्प रहा है और यहां के गांव-शहरों के नाम से भी कई दिलचस्प बातें जुड़ी हैं।
गाजियबाद...कानपुर...मीरगंज, क्या आपने कभी नोटिस किया है कि कई गांवों या शहरों के नाम के आखिर में बाद, गंज या पुर लगा होता है? भारत में आपको ऐसे कई गांव, शहर और कस्बे मिल जाएंगे, जिनके आखिर में इन शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है। यह बस यूं ही होता है या इसके पीछे क्या वजह होती है? चलिए, आपको इनके पीछे की दिलचस्प कहानी बताते हैं।

क्यों शहरों और गांवों के नाम के पीछे लगे होते हैं पुर, गंज या बाद?

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  • हैदराबाद, अहमदाबाद, गाजियाबाद, मुरादाबाद और सिकंदराबाद समेत कई ऐसे शहर हैं, जिनके नाम के आखिर में 'बाद' लगा होता है। असल में बाद का मतलब, नगर या स्थान होता है। 
  • यह आमतौर पर बड़े शहरों के आखिर में लगाया जाता है। जो शहर एक वक्त पर काफी विकसित रहे हैं या जो कई तरह की चीजों का केंद्र रहा है, उनके अंत में बाद लगाया जाता था।
  • बाद शब्द को फारसी भाषा के शब्द 'आबाद' से लिया गया है। इसके दो मतलब हैं, आबाद यानी बसी हुई या फलती-फूलती जगह। वहीं, आब का मतलब पानी होता है। 
  • जिस जगह पर पानी आसानी से मिल जाए और जहां जीवन से जुड़ी चीजें आसानी से उपलब्ध हों, उनके आखिर में बाद लगाया जाता था।

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  • आपके जयपुर और उदयपुर जैसे कई शहरों के नाम के पीछे पुर लगा भी देखा होगा। इसकी वजह काफी दिलचस्प है। दरअसल, पुर का मतलब 'शहर' या 'किला' होता है। 
  • प्राचीन काल में राजा-महाराजा जब कोई नया शहर बसाते थे, तो उसके आखिर में वह पुर जोड़ दिया करते थे। ऐसा आपको कई पुराने शहरों के नाम के पीछे मिल जाएगा। राजा जय सिंह ने जयपुर को बसाया था और इसलिए इसका नाम जयपुर रखा गया था।
  • बात अगर गंज की करें तो इसका मतलब बाजार या हाट होता है। जिन शहरों का कस्बों के नाम के अंत में गंज लगा होता है, वहां एक वक्त पर कई व्यापारिक गतिविधियां की जाती थीं या आज भी की जाती हैं। 
  • कई बाजारों के नाम के आखिर में भी आपको गंज लगा हुआ मिल जाएगा।

 

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Image Credit: Freepik

 

 

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