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causes of brown discharge without period

बिना पीरियड्स के वजाइना से ब्राउन डिस्‍चार्ज क्‍यों होता है? डॉक्‍टर से जानें

कई बार ऐसा होता है कि पीरियड्स न आने पर भी वजाइना से ब्राउन डिस्चार्ज होता है। यूं तो यह नॉर्मल होता है, लेकिन कुछ बार यह किसी अंदरूनी समस्या का संकेत भी हो सकता है। मेडिकवर हॉस्पिटल, नवी मुंबई की गायनेकोलॉजिस्ट डॉक्‍टर हिमानी गुप्ता से जानते हैं कि पीरियड्स न आने पर भी वजाइना से ब्राउन डिस्चार्ज क्यों होता है और कब यह चिंता का कारण बन सकता है?
Editorial
Updated:- 2025-10-08, 20:19 IST

महिलाओं को हार्मोनल बदलावों के कारण कई तरह की शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इनमें से एक आम समस्या है वजाइना से ब्राउन डिस्चार्ज (Brown Discharge) होना। जी हां, कई बार ऐसा देखा जाता है कि पीरियड्स न होने पर भी योनि से भूरा स्राव निकलता है। सामान्य तौर पर यह कोई गंभीर समस्या नहीं होती, लेकिन कुछ मामलों में यह शरीर के अंदर छिपी किसी गड़बड़ी या हार्मोनल असंतुलन का संकेत भी हो सकता है।

मेडिकवर हॉस्पिटल, नवी मुंबई की गायनेकोलॉजिस्ट डॉक्‍टर हिमानी गुप्ता बताती हैं कि जब पीरियड्स का फ्लो बहुत हल्का होता है या शरीर पुराने बचे हुए ब्लड को बाहर निकाल रहा होता है, तब ब्राउन डिस्चार्ज दिखाई दे सकता है। यह स्थिति कुछ महिलाओं में पीरियड्स शुरू होने से पहले या खत्म होने के तुरंत बाद भी देखने को मिलती है।

अगर यह डिस्‍चार्ज बार-बार होता है, तेज गंध के साथ आता है या दर्द और खुजली जैसी परेशानी पैदा करता है, तो इसे नजरअंदाज़ न करें। यह किसी इंफेक्‍शन, हार्मोनल समस्या या यूट्रस से जुड़ी किसी समस्‍या का संकेत हो सकता है। ऐसे में डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है। आइए, इस आर्टिकल में डॉक्‍टर हिमानी गुप्ता से जानते हैं कि पीरियड्स न आने पर भी ब्राउन डिस्चार्ज क्यों होता है और कब यह चिंता का कारण बन सकता है।

Irregular Ovulation

हार्मोनल बदलाव

तनाव, नींद की कमी या ओव्यूलेशन में गड़बड़ी से हार्मोन बदल जाते हैं, जिससे हल्का ब्राउन डिस्‍चार्ज हो सकता है। अगर आप बर्थ कंट्रोल पिल्‍स लेती हैं या नए कॉन्ट्रासेप्टिव मैथेड शुरू किए है, तो शरीर को एडजस्ट होने में समय लगता है।

इंप्लांटेशन ब्लीडिंग

कभी-कभी ब्राउन स्पॉटिंग प्रेग्‍नेंसी का शुरुआती संकेत हो सकता है। यह तब होता है, जब फर्टिलाइज एग यूट्रस की दीवार से जुड़ता है।

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इंफेक्शन

वजाइना में इंफेक्‍शन, सर्विक्स में सूजन या फाइब्रॉएड और पॉलीप्स जैसी कंडीशन्‍स से भी असामान्य डिस्‍चार्ज हो सकता है।

Uterine Fibroids

अन्‍य समस्‍याएं

कुछ मामलों में यह एंडोमेट्रियोसिस या हार्मोनल असंतुलन जैसी गंभीर बीमारियों का भी संकेत हो सकता है।

महिलाओं को अपनी रिप्रोडक्टिव हेल्‍थ को बिल्कुल भी हल्के में नहीं लेना चाहिए। हमेशा सावधानी हटी, दुर्घटना घटी के सिद्धांत पर चलना अच्‍छा होता है।

ट्रैक रखें- महिलाओं को इस बात का रिकॉर्ड रखना चाहिए कि डिस्‍चार्ज कब होता है, यह कितनी देर तक रहता है और क्या इसके साथ दर्द, बदबू या खुजली जैसे अन्य लक्षण भी हैं।

हमेशा साफ-सफाई का ध्‍याान रखें और कॉटन अंडरवियर पहनें, ताकि नमी और इंफेक्‍शन से बचा जा सके।

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अगर ब्राउन डिस्‍चार्ज बार-बार, बदबूदार या तेज दर्द के साथ होता है, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें। समय पर चेकअप कराने से आप किसी बड़ी परेशानी से बच सकती हैं और अपनी रिप्रोडक्टिव हेल्‍थ को अच्‍छा बनाए रख सकती हैं। आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह के अन्य आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।

Image Credit: Shutterstock 

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