
हेल्दी तरीके से कंसीव कर पाना भी आजकल महिलाओं के लिए काफी चैलेंजिंग हो गया है। दरअसल, तनाव, अनियमित जीवनशैली और गलत खान-पान समेत कई चीजों का असर महिलाओं के हार्मोन्स, पीरियड साइकिल, ओव्युलेशन और एग क्वालिटी पर होता है और ऐसे में मां बनने में मुश्किल आती है। कई बार देर से कंसीव करना भी मां बनने के चांसेज पर असर डालता है। अगर आप 35 की उम्र के आस-पास कंसीव करने की प्लानिंग कर रही हैं, तो हो सकता है कि आपको नेचुरली प्रेग्नेंट होने में मुश्किल आए। ऐसा सबसे साथ हो यह बिल्कुल जरूरी नहीं है। सही खान-पान और हेल्दी लाइफस्टाइल की मदद से आप बढ़ती उम्र में भी अपनी फर्टिलिटी को मजबूत रख सकती हैं। यहां हम आपको कुछ ऐसे आयु्र्वेदिक फूड्स के बारे में बता रहे हैं, जो आपकी फर्टिलिटी को मजबूत करते हैं। अगर आप मां बनने की प्लानिंग कर रही हैं, तो इन फूड्स को अभी से डाइट में शामिल करें। इसकी जानकारी डॉक्टर दीक्षा भावसार दे रही हैं। डॉक्टर दीक्षा, दिल्ली के आयुर्वेदिक प्रोडक्ट्स ब्रांड द कदंब ट्री की फाउंडर और BAMS (Bachelor of Ayurveda Medicine) हैं।
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घी को रिप्रोडक्टिव टिश्यूज को मजबूत बनाने में फायदेमंद माना जाता है। आयुर्वेद में इसो पोषण से भरपूर सुपरफूड माना गया है। यह शरीर को ताकत देता है, हार्मोनल बैलेंस को सुधारता है और रिप्रोडक्टिव ऑर्गन्स के लिए एक लुब्रिकेंट की तरह काम करता है। इससे फर्टिलिटी मजबूत होती है और कंसीव करने में आसानी होती है। एक्सपर्ट का कहना है कि गाय के घी का इस्तेमाल फायदेमंद होता है। आप गुनगुने पानी में भी एक टीस्पून घी ले सकती हैं।
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उड़द दाल की तासीर गर्म होती है। यह प्रोटीन से भरपूर होती है और रिप्रोडक्टिव हेल्थ को सुधारने में मदद करती है। यह ओवरी फंक्शन को सुधारती है, खून बनने में मदद करती है, वात और पित्त को बैलेंस करती है। इससे फर्टिलिटी बेहतर होती है। आप दाल को हल्के मसालों के साथ पकाएं। इसे एक रात पहले भिगोकर रख दें। इससे दाल को पचाने में आसानी होगी। आप इसे स्प्राउट्स और खिचड़ी के तौर पर भी खा सकती हैं।
काले तिल, मैग्नीशियम, कैल्शियम और जिंक जैसे मिनरल्स से भरपूर होते हैं और ये हेल्दी हार्मोन प्रोडक्शन में मदद करते हैं। इनसे ओवरी फंक्शन हेल्दी होता है और वात कम होता है। वात दोष बढ़े होने पर भी प्रेग्नेंट होने में मुश्किल आ सकती है। इसे हल्का सा भूनकर डाइट में शामिल करें ताकि ये आसानी से पच सकें और शरीर में न्यूट्रिएंट्स भी बेहतर तरीके से अब्जॉर्ब हों।

बादाम हेल्दी फैट्स, प्रोटीन और विटामिन-ई से भरपूर होते हैं। इन्हें खाने से पीरियड्स रेगुलर होते हैं, ओवरी फंक्शन सही होता है और एग क्वालिटी में सुधार होता है। ये नर्वस सिस्टम को मजबूती देते हैं और वात-पित्त को बैलेंस करते हैं। रातभर 5-7 बादाम को भिगोएं और इसे सुबह खाली पेट खाएं।
खजूर की तासीर गर्म होती है। यह यूट्रस को मजबूती और गर्माहट देते हैं, जिससे एनर्जी लेवल में सुधार होता है और रिप्रोडक्टिव हार्मोन्स को रेगुलेट करने में मदद मिलती है। ये एनीमिया को दूर करते हैं। कंसीव करने के लिए, शरीर में खून का लेवल सही होना बहुत जरूरी है। 2-3 खजूर को गुनगुने पानी में भिगोकर या सादा भी खा सकती हैं।
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महिलाओं को कंसीव करने के लिए, एक्सपर्ट की सलाह पर जरूर ध्यान देना चाहिए। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।
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