Mahagauri Puja Samagri

Durga Ashtami Mahagauri Puja Vidhi 2025: नवरात्रि के 8वें दिन मां महागौरी की संपूर्ण पूजा विधि, सामग्री और मंत्र यहां जानें

Durga Ashtami Puja Vidhi 2025 पर मां महागौरी की संपूर्ण पूजा विधि जानें। यहां पढ़ें मां महागौरी की पूजा सामग्री, मंत्र और स्‍टेप बाई स्‍टेप  पूजा प्रक्रिया। नवरात्रि के 8वें दिन मां के आठवें स्वरूप का विधिपूर्वक पूजन करने से घर में सुख-शांति, समृद्धि और मां की कृपा बनी रहती है। सभी भक्तों के लिए यह पूजा विधि और मंत्र अत्यंत लाभकारी हैं।
Editorial
Updated:- 2025-09-29, 15:54 IST

मां दुर्गा का 8वां स्‍वरूप वाकई में आपको मंत्रमुग्‍ध कर देगा क्‍योंकि महागौरी के स्‍वरूप में माता आति सुंदर नजर आती हैं। मां महा गौरी की पूजा नवमी की अष्‍टमी पर की जाती है। माता महा गौरी का स्‍वरूप बहुत ही सौम्‍य और ममतामई है। एक बैल पर सवार हो 4 भुजाओं वाली मां महागौरी को एक बार देख लो तो मन बस उन्‍हें निहारने का ही करता रहता है। पंडित सौरभ त्रिपाठी बताते हैं, "मां का यह स्‍वरूप माता पार्वती का है और उनके इसी स्‍वरूप ने शिव जी को प्राप्‍त करने की कठोर तपस्‍या की थी।" चलिए हम आपकेा बताते हैं कि मां महागौरी की पूजा के लिए किस सामग्री की आवश्‍यकता पड़ती है और उनकी पूजा की विधि और मंत्र क्‍या है।

माता महागौरी की पूजा की सामग्री

  • एक लकड़ी की चौकी या पीढ़ा लें ।
  • चौकी पर बिछाने हेतु के लिए लाल या पीला कपड़ा लें।
  • माता महागौरी की प्रतिमा चित्र लें।
  • कलावा, मौली, लाल धागा लें।
  • रोली और चावल लें।
  • हल्दी और कुमकुम भी पूजा की थाली में लें।
  • पूजा स्‍थल को साफ करने के लिए गंगाजल और शुद्ध जल लें।
  • कलश स्थापना हेतु और प्रसाद के लिए नारियल जरूर लें।
  • सुपारी और पान के पत्ते भी पूजा सामग्री में शामिल करें।
  • बेलपत्र और दूर्वा घास भी मां महागौरी को अतिप्रिय है।
  • ताजे फूल, विशेषकर सफेद पुष्प महागौरी को बहुत पसंद हैं।
  • गेंदे या गुलाब की माला लें।
  • पूजा में अगरबत्ती धूपबत्ती जरूर रखें।
  • दीपक घी और तेल का दीपक
  • रुई की बाती
  • आरती के लिए कपूर जरूर रखें
  • पूजा की थाली में चंदन और इत्र
  • मां के लिए श्रृंगार सामग्री में सिंदूर, चूड़ी, बिंदी, मेहंदी, काजल, चुनरी, जरूर रखें।
  • मां को अर्पित करने हेतु सफेद वस्त्र
  • पंचामृत के लिए दूध, दही, शहद, घी, गंगाजल
  • सफेद मिठाई में खीर, पंजीरी, नारियल बर्फी आदि रख लें।
  • मौसमी फल केला, सेब, अनार आदि भी पूजा के लिए जरूर रखें।
  • काजू, बादाम, किशमिश आदि सूखे मेवे भी पूजा में जरूर रखें।
  • पूजन के समय ध्वनि हेतु शंख या घंटी

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मां महागौरी की पूजा विधि

  • सुबह समय से स्नान करें और शुद्ध वस्त्र पहनें।
  • पूजा स्थल को साफ करें और लाल या पीला कपड़ा बिछाएं।
  • चौकी या पीढ़ा रखें और उस पर मां महागौरी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
  • कलश, फूल, दीपक, पंचामृत, रोली-चावल आदि पूजा की सारी सामग्री तैयार रखें।
  • चौकी पर कलश रखें और उसमें जल, सुपारी, सिक्का, नारियल और आम्रपल्लव/आम की पत्तियां डालें।
  • कलश पर लाल चुनरी डालें और माता का ध्यान करते हुए मंत्र 'ॐ देवी महागौर्यै नमः' का जाप करें।
  • कलश को माता का प्रतीक मानकर पूजन की शुरुआत करें।
  • घी या तेल का दीपक जलाएं।
  • अगरबत्ती और धूपबत्ती जलाएं।
  • पूजा स्थल को पवित्र करने के लिए शंख फूंके और मंत्र जाप करें।
  • माता की मूर्ति या चित्र को सफेद वस्त्र और चुनरी पहनाएं।
  • सिंदूर, बिंदी, चूड़ी और फूल अर्पित करें।
  • माता के चरणों में दूर्वा, बेलपत्र और अक्षत अर्पित करें।
  • माता को पंचामृत के लिए दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल अर्पित करें।
  • सफेद मिठाई जैसे खीर, पंजीरी या नारियल बर्फी अर्पित करें।
  • मौसमी फल और सूखे मेवे भी अर्पित करें।
  • माता महागौरी के 108 बार 'ॐ देवी महागौर्यै नमः' मंत्र का जाप करें।
  • या देवी स्तुति, दुर्गा सप्तशती के पाठ का अनुसरण करें।
  • इस दौरान ध्यान करें कि मन पूर्ण रूप से भक्ति और श्रद्धा से भरा हो।
  • दीपक लेकर माता की आरती करें।
  • आरती के समय शंख और घंटी का प्रयोग करें।
  • पूजा समाप्ति पर मां की जय-जयकार बोलें।
  • प्रसाद वितरण करें और माता के आशीर्वाद के साथ दिन समाप्त करें।
  • सफेद वस्त्र और सफेद पुष्प माता महागौरी को अति प्रिय हैं।
  • भक्ति भाव और श्रद्धा से किया गया हर छोटा कार्य पुण्य का कारण बनता है।
  • पूजा से घर में सुख-समृद्धि, शांति, शक्ति और स्वास्थ्य की वृद्धि होती है।
  • रात में पूर्णिमा या संध्या समय पूजा करना अधिक शुभ माना जाता है।

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मां महागौरी की महत्‍वपूर्ण मंत्र

1- ॐ देवी महागौर्यै नमः

अर्थ: मैं माता महागौरी को प्रणाम करती हूं।

महत्व: साधारण और प्रभावी मंत्र, सभी पूजा के दौरान जाप किया जाता है।

2- या देवी सर्वभू‍तेषु मातृरूपेण संस्थिता ।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ॥

अर्थ: जो देवी सभी प्राणियों में मातृरूप में स्थित हैं, उन्हें नमन।

महत्व: माता महागौरी की शक्ति और करुणा का ध्यान करने हेतु।

3- ॐ ऐं ह्रीं क्लीं महागौर्यै नमः

महत्व: इस मंत्र का जाप घर में शांति, स्वास्थ्य और समृद्धि लाने के लिए किया जाता है।

मंत्र में तीन बीजाक्षर ‘ऐं’, ‘ह्रीं’, ‘क्लीं’ शक्ति और सफलता का प्रतीक हैं।

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