colours to wear on chaitra navratri

Chaitra Navratri Shubh Rang 2024: आज नवरात्रि के नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा पर पहनें इस रंग के कपड़े, घर आएगी सुख-समृद्धि

Colours to Wear in Chaitra Navratri 2024: चैत्र नवरात्रि के दिनों में अगर आप विधि-विधान के साथ पूजन करती हैं तो आपके जीवन में सदैव समृद्धि बनी रहती है और आपको माता का आशीर्वाद भी मिलता है। 
Editorial
Updated:- 2024-04-17, 08:40 IST

चैत्र नवरात्रि हिंदू धर्म का एक लोकप्रिय हिंदू त्योहार है और इसे पूरे देश में बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है। यह पर्व हर साल हिंदू कैलेंडर के पहले महीने चैत्र में मनाया जाता है। हिंदू परंपराओं के अनुसार इस दिन से ही हिंदू नव वर्ष का आरंभ भी होता है।

नवरात्रि दो शब्दों से मिलकर बना है नव और रात्रि। नव का अर्थ होता है  नौ और रात्रि का अर्थ है रातें। यह एक उत्सव है जो नौ रातों तक चलता है। यह पर्व माता दुर्गा को समर्पित है। मान्यता है कि इन नौ दनों के दौरान जो भी माता दुर्गा का पूजन विधि-विधान के साथ करता है उसकी समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और पापों से मुक्ति मिलती है।

यह भी कहा जाता है कि आपको इन नौ दिनों में अलग रंगों के कपड़े पहनकर पूजन करना चाहिए। आइए ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी से जानें इसके बारे में विस्तार से। 

चैत्र नवरात्रि का महत्व

चैत्र नवरात्रि का वैदिक इतिहास में गहरा संबंध है। इसका जुड़ाव धार्मिक, ज्योतिषीय और आध्यात्मिक रूप से बहुत ज्यादा है और इस दौरान माता दुर्गा का पूजन विधि-विधान से किया जाता है। यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। 

हिंदू कैलेंडर के अनुसार चैत्र प्रतिपदा को वर्ष का पहला दिन माना जाता है। ब्रह्म पुराण के अनुसार, भगवान ब्रह्मा ने देवी दुर्गा के मार्गदर्शन में इसी दिन ब्रह्मांड की रचना शुरू की थी। ऐसा माना जाता है कि चैत्र नवरात्रि का तीसरा दिन वह दिन है जब भगवान विष्णु ने धरती माता की स्थापना के लिए 'मत्स्य अवतार' के रूप में अवतार लिया था।

चैत्र नवरात्रि के नौवें दिन को 'नवमी' या 'राम नवमी' कहा जाता है और यह भगवान राम के जन्म का प्रतीक माना जाता है। चैत्र नवरात्रि का आध्यात्मिक और ज्योतिषीय महत्व भी है। चैत्र नवरात्रि के दौरान सूर्य मेष राशि में उच्च हो जाता है इसी वजह से नवरात्रि नई शुरुआत का प्रतीक है और सूर्य के प्रबल होने से हम आध्यात्मिक और वित्तीय विकास की कल्पना कर सकते हैं।

इसे जरूर पढ़ें: Chaitra Navratri 2024: चैत्र नवरात्रि में क्यों की जाती है कलश स्थापना, जानें महत्व

चैत्र नवरात्रि में रंगों का महत्व 

नवरात्रि का हर एक दिन एक विशिष्ट रंग से जुड़ा होता है जिसका बहुत महत्व होता है। ऐसा माना जाता है कि यदि आप नौ दिनों में इन्हीं रंगों का पालन करते हैं तो माता दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त होता है। नवरात्रि के अलग दिनों में में प्रत्येक रंग के महत्व के बारे में यहां जानें। 

नवरात्रि प्रथम दिन प्रतिपदा का शुभ रंग- पीला 

what should wear on chaitra navratri  for all

नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा का विधान है। मां शैलपुत्री को पहाड़ों की बेटी के रूप में जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन माता को पीले फूल चढ़ाने और इसी रंग के वस्त्रों में माता का पूजन करने से आपके जीवन में खुशहाली बनी रहती है। माता शैलपुत्री को आप चमेली का फूल भी अर्पित कर सकती हैं। 

नवरात्रि दूसरे दिन द्वितीया का शुभ रंग - हरा

नवरात्रि का दूसरा दिन माता ब्रह्मचारिणी को समर्पित होता है और इसका रंग हरा होता है। हरा रंग आपके जीवन में नई शुरुआत, समृद्धि, प्रकृति, नवीकरण, विकास और ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। यदि आप द्वितीय के दिन इस रंग के वस्त्रों में पूजन करती हैं तो आपके जीवन में सामंजस्य बना रहता है। 

नवरात्रि तीसरे दिन तृतीया का शुभ रंग - स्लेटी 

नवरात्रि के तीसरे दिन माता चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। इस दिन से स्लेटी रंग का गहरा संबंध है और यह रंग बुराई के विनाश को दिखाता है। यदि आप नवरात्रि के तीसरे दिन स्लेटी रंग के कपड़े पहनकर माता दुर्गा का पूजन करती हैं तो आपके जीवन में खुशहाली बनी रहती है।  

नवरात्रि चौथे दिन चतुर्थी का शुभ रंग -  नारंगी

what to wear on navratri

चैत्र नवरात्रि का चौथा दिन माता कुष्मांडा को समर्पित होता है। माता का पसंदीदा रंग नारंगी है जो जीवन में नई शुरुआत, ज्ञान, धार्मिकता और शांति का प्रतीक माना जाता है। यदि आप इस दिन नारंगी रंग के कपड़ों में माता का पूजन करेंगी तो यह आपके लिए शुभ संकेत देता है। 

नवरात्रि का पांचवां दिन पंचमी का शुभ रंग - सफेद

पांचवें दिन माता स्कंदमाता की पूजा की जाती है। यदि आप माता स्कंदमाता देवी को प्रसन्न करने के लिए नवरात्रि के पांचवें दिन सफ़ेद रंग के कपड़े पहनते हैं और सफेद वस्तुएं चढ़ाती हैं तो इससे आंतरिक शांति, पवित्रता और ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है। 

नवरात्रि का छठां दिन षष्टी का शुभ रंग - लाल

नवरात्रि का छठा दिन माता कात्यायनी को समर्पित होता है और उनका पसंदीदा रंग लाल को माना जाता है। यदि आप इस दिन लाल रंग के कपड़ों में माता का पूजन करती हैं तो आपके जीवन में सदैव समृद्धि बनी रहती है। लाल रंग को साहस का प्रतीक भी माना जाता और इस रंग से आपके जीवन में साहस और समृद्धि बनी रहती है। 

इसे जरूर पढ़ें: Chaitra Navratri 2024: चैत्र नवरात्रि में करें इस एक पेड़ की पूजा, होगी इन 2 देवियों की कृपा

नवरात्रि का सातवां दिन सप्तमी का शुभ रंग - नीला

नवरात्रि के सातवें दिन माता दुर्गा के कालरात्रि रूप की पूजा की जाती है। वह देवी का निर्भय रूप माना जाता है। नीले रंग के प्रयोग से अत्यधिक शक्ति और ऊर्जा आती है और यदि आप इस दिन नीले रंग के कपड़े पूजन के दौरान पहनती हैं तो आपके जीवन में खुशहाली बनी रहती है। 

नवरात्रि का आठवां दिन अष्टमी का शुभ रंग - लाल 

नवरात्रि का आठवां दिन देवी महागौरी को समर्पित होता है। उन्हें शांति और समृद्धि की देवी के रूप में पूजा जाता है। ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि के आठवें दिन लाल रंग का प्रयोग करने से देवी दुर्गा की कृपा दृष्टि प्राप्त होती है।

नवरात्रि का नौवां दिन नवमीं का शुभ रंग - गुलाबी 

what is the lucky colour for navratri

चैत्र नवरात्रि का नौवां और अंतिम दिन सिद्धिदात्री माता का होता है। उन्हें पवित्रता एवं दयालुता का प्रतीक माना जाता है| कपड़ों के रूप में गुलाबी रंग का प्रयोग आपके जीवन में खुशहाली, नये अवसर और उन्नति लाता है।

यदि आप नवरात्रि के नौ दिनों में माता के विभिन्न स्वरूपों का पूजन करते हैं और उनके पसंदीदा रंगों के कपड़े पहनती हैं तो आपके जीवन में सदैव खुशहाली बनी रहती है। 

आपकी राय हमारे लिए महत्वपूर्ण है! हमारे इस रीडर सर्वे को भरने के लिए थोड़ा समय जरूर निकालें। इससे हमें आपकी प्राथमिकताओं को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी। यहां क्लिक करें

 

आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से। अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।

Images:Freepik.com 

FAQ
नवरात्रि में कौन सा प्रसाद चढ़ाया जाता है?
माता रानी को मालपुए का भोग लगाना काफी शुभ होता है।
नवरात्रि में कौन सा मंत्र पढ़ना चाहिए?
ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी। दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।
Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।

;