
28 सितंबर 2025 का दिन शारदीय नवरात्रि का छठा दिन होने के कारण अत्यंत शुभ है, क्योंकि इस दिन मां दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा की जाएगी। मां कात्यायनी की आराधना विशेष रूप से विवाह बाधाएं दूर करने, मनचाहा जीवनसाथी पाने और शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है। पंचांग के अनुसार यह दिन रविवार है, जो सूर्य देव को समर्पित है इसलिए इस दिन मां कात्यायनी की पूजा के साथ सूर्य को जल अर्पित करने से तेज और आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। इसके साथ ही, एमपी, छिंदवाड़ा के ज्योतिषाचार्य पंडित सौरभ त्रिपाठी ने बताया कि दोपहर तक षष्ठी तिथि और उसके बाद सप्तमी तिथि का आरंभ होगा जबकि योग आयुष्मान है जो लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए बहुत शुभ माना जाता है।
| तिथि | नक्षत्र | दिन/वार | योग | करण |
| अश्विन शुक्ल षष्ठी | ज्येष्ठा | रविवार | आयुष्मान | तैतिल |

| प्रहर | समय |
| सूर्योदय | सुबह 06:12 बजे |
| सूर्यास्त | शाम 06:10 बजे |
| चंद्रोदय | दोपहर 11:58 बजे |
| चंद्रास्त | रात 10:02 बजे |
| मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
| ब्रह्म मुहूर्त | सुबह 04:36 बजे से 05:24 बजे तक |
| अभिजीत मुहूर्त | सुबह 11:47 बजे से दोपहर 12:35 बजे तक |
| अमृत काल | शाम 06:05 बजे से शाम 07:53 बजे तक |
| सर्वार्थ सिद्धि योग | सुबह 06:12 बजे से रात 03:55 बजे तक |
| मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
| राहु काल | शाम 04:41 बजे से शाम 06:10 बजे तक |
| गुलिक काल | दोपहर 03:11 बजे से दोपहर 04:41 बजे तक |
| यमगंड | दोपहर 12:11 बजे से दोपहर 01:41 बजे तक |

28 सितंबर 2025 का दिन शारदीय नवरात्रि का छठा दिन है, इसलिए इस दिन का सबसे प्रमुख त्योहार मां कात्यायनी की पूजा है। मां कात्यायनी को शक्ति का छठा स्वरूप माना जाता है, जिनकी पूजा करने से विवाह से जुड़ी बाधाएं दूर होती हैं और मनचाहा जीवनसाथी मिलता है। इसके अलावा, बंगाली समुदाय में इस दिन कल्परम्भ और अकाल बोधन जैसे अनुष्ठान किए जाते हैं, जो दुर्गा पूजा की शुरुआत का प्रतीक होते हैं, इसलिए इस तारीख पर मुख्य ध्यान सौभाग्य, साहस और विवाह की देवी मां कात्यायनी की आराधना पर रहेगा।
28 सितंबर 2025 को मां कात्यायनी की पूजा का विशेष दिन है, इसलिए आपको विवाह और प्रेम संबंधी बाधाओं को दूर करने के लिए उपाय करने चाहिए। इस दिन मां कात्यायनी को शहद (मधु) का भोग लगाएं और उन्हें पीले या लाल रंग के फूल अर्पित करें। इसके बाद, शीघ्र विवाह के लिए उनके विशेष मंत्र 'कात्यायनि महामाये, महायोगिन्यधीश्वरि। नन्दगोपसुतं देवि, पतिं मे कुरु ते नमः॥' का जाप करें। यह दिन रविवार होने के कारण, सूर्य देव को जल अर्पित करना और गरीबों को गुड़ या गेहूँ का दान करना भी अत्यंत शुभ रहेगा, जिससे आपके तेज, साहस और भाग्य में वृद्धि होगी।
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