
2 अक्टूबर 2025 का दिन दशहरा होने के कारण बहुत खास है क्योंकि इस दिन भगवान राम ने रावण का वध कर बुराई पर अच्छाई की जीत हासिल की थी। पंचांग के अनुसार, यह अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि है और यह गुरुवार का दिन रहेगा जिससे इसका महत्व और बढ़ जाता है। एमपी, छिंदवाड़ा के ज्योतिषाचार्य पंडित सौरभ त्रिपाठी ने हमें बताया कि आज के दिन उत्तराषाढ़ा के बाद श्रवण नक्षत्र रहेगा। साथ ही सुकर्मा और धृति जैसे शुभ योग भी बन रहे हैं जो किसी भी नए या महत्वपूर्ण कार्य की शुरुआत के लिए बहुत शुभ माने जाते हैं। इस दिन दुर्गा विसर्जन भी होता है।
| तिथि | नक्षत्र | दिन/वार | योग | करण |
| अश्विन शुक्ल दशमी/एकादशी | उत्तराषाढ़ा | गुरुवार | सुकर्मा | तैतिल |

| प्रहर | समय |
| सूर्योदय | सुबह 06:18 बजे |
| सूर्यास्त | शाम 06:07 बजे |
| चंद्रोदय | दोपहर 02:40 बजे |
| चंद्रास्त | अगले दिन सुबह 12:37 बजे |
| मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
| ब्रह्म मुहूर्त | सुबह 04:46 बजे से सुबह 05:34 बजे तक |
| अभिजीत मुहूर्त | सुबह 11:46 बजे से दोपहर 12:33 बजे तक |
| विजय मुहूर्त | दोपहर 02:10 बजे से दोपहर 03:03 बजे तक |
| गोधुली मुहूर्त | शाम 05:45 बजे से शाम 06:09 बजे तक |
| मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
| राहु काल | दोपहर 01:38 बजे से दोपहर 03:06 बजे तक |
| गुलिक काल | सुबह 09:14 बजे से सुबह 10:42 बजे तक |
| यमगंड | सुबह 06:18 बजे से सुबह 07:46 बजे तक |
| दिशा शूल | दक्षिण दिशा |

2 अक्टूबर 2025 को मुख्य रूप से दशहरा या विजयदशमी का त्योहार मनाया जाएगा जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है और इसी दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था। साथ ही यह दिन दुर्गा विसर्जन का भी होता है जब मां दुर्गा की प्रतिमाओं को विसर्जित किया जाता है। इसके अलावा, 2 अक्टूबर को ही महात्मा गांधी की जयंती भी मनाई जाती है जिसे पूरे देश में राष्ट्रीय अवकाश के रूप में मनाया जाता है।
2 अक्टूबर 2025 को दशहरा होने के कारण यह दिन किसी भी शुभ काम या उपाय के लिए बहुत खास है। इस दिन शमी के पेड़ की पूजा करना और उसके नीचे दीपक जलाना बहुत शुभ माना जाता है जिससे कोर्ट-कचहरी के मामलों में जीत और सुख-समृद्धि मिलती है। इसके अलावा, रावण दहन के बाद बची हुई राख को घर लाना और उसे संभाल कर रखना नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर बुरी नजर से बचाता है। साथ ही झाड़ू खरीदकर दान करने या घर लाने से धन संबंधी समस्याएं दूर होती हैं और आर्थिक स्थिति मजबूत होती है और इस दिन अपराजिता के फूल मां लक्ष्मी को चढ़ाने और फिर उन्हें तिजोरी में रखने से धन लाभ के रास्ते खुलते हैं।
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image credit: herzindagi
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