
16 अक्टूबर 2025 का पंचांग धार्मिक और शुभ कार्यों के लिए अत्यंत फलदायी है क्योंकि इस दिन गुरुवार के साथ-साथ कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि और शुभ योग का संयोग बन रहा है। दशमी तिथि सुबह 10:37 बजे तक रहेगी जिसके बाद रमा एकादशी तिथि शुरू हो जाएगी। हालांकि एकादशी का व्रत अगले दिन किया जाएगा। यह दिन भगवान विष्णु और बृहस्पति देव की पूजा के लिए विशेष शुभ है जिससे ज्ञान, धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है। इसके अलावा, दशमी तिथि होने के कारण यह दिन पितरों के तर्पण के लिए भी खास है जिससे पितृ ऋण से मुक्ति और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। ऐसे में एमपी, छिंदवाड़ा के ज्योतिषाचार्य पंडित सौरभ त्रिपाठी से आइये जानते हैं आज का पंचांग।
| तिथि | नक्षत्र | दिन/वार | योग | करण |
| कार्तिक कृष्ण दशमी (सुबह 10 बजकर 35 मिनट)/रमा एकादशी | अश्लेषा | गुरुवार | शुभ | विष्टि |

| प्रहर | समय |
| सूर्योदय | सुबह 06:22 बजे |
| सूर्यास्त | शाम 05:49 बजे |
| चंद्रोदय | देर रात 01:43 बजे |
| चंद्रास्त | दोपहर 03:05 बजे (अगले दिन) |
| मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
| ब्रह्म मुहूर्त | सुबह 04:52 बजे से सुबह 05:40 बजे तक |
| अभिजीत मुहूर्त | सुबह 11:49 बजे से दोपहर 12:35 बजे तक |
| अमृत काल | सुबह 11:03 बजे से दोपहर 12:42 बजे तक |
| विजय मुहूर्त | दोपहर 02:01 बजे से दोपहर 02:47 बजे तक |
| गोधुली मुहूर्त | शाम 05:50 बजे से शाम 06:15 बजे तक |
| निशिता मुहूर्त | देर रात 11:42 बजे से देर रात 12:32 बजे तक |
| मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
| राहु काल | दोपहर 01:32 बजे से दोपहर 02:58 बजे तक |
| गुलिक काल | सुबह 09:14 बजे से सुबह 10:40 बजे तक |
| यमगंड | सुबह 06:22 बजे से सुबह 07:48 बजे तक |

16 अक्टूबर 2025 को कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि है, इसलिए इस दिन कोई बड़ा व्रत या त्यौहार नहीं है। हालांकि, सुबह 10:35 बजे के बाद एकादशी तिथि शुरू हो जाएगी, जिसके कारण इसे रमा एकादशी के व्रत की शुरुआत का दिन माना जाता है, लेकिन एकादशी का मुख्य व्रत उदयातिथि के अनुसार अगले दिन यानी 17 अक्टूबर को रखा जाएगा। इस दिन गुरुवार होने के कारण भक्त भगवान विष्णु की पूजा और पितरों के तर्पण का विशेष महत्व समझते हैं।
16 अक्टूबर 2025 को गुरुवार और दशमी तिथि का शुभ संयोग है, इसलिए इस दिन आपको भगवान विष्णु की विशेष पूजा करनी चाहिए। सुबह स्नान के बाद विष्णु भगवान को केसर या हल्दी का तिलक लगाएं और पीले फूल अर्पित करें। इसके साथ ही, इस दिन पितृ तर्पण (पूर्वजों को जल देना) करना बहुत शुभ होता है, जिससे पितृ दोष दूर होता है। गुरुवार होने के कारण, केले के पेड़ की पूजा करें और गरीब या जरूरतमंद लोगों को पीली वस्तुएं (जैसे गुड़, चना दाल, या पीले वस्त्र) दान करें। ये सभी उपाय आपके जीवन में सुख, समृद्धि और सौभाग्य लाएंगे।
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image credit: herzindagi
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