
अधिकतर पानी से होने वाली बीमारियां गर्मियों के सीजन में लोगों को परेशान करती हैं। एक तरह से देखा जाए, तो अपनी-अपनी तरह से हम सभी पानी को साफ रखने की कोशिश करते हैं, लेकिन कुछ कीटाणु ऐसे होते हैं जिन्हें नॉर्मल तरीकों से हटा पाना मुश्किल है। उदाहरण के तौर पर फिटकरी पानी को फिल्टर करती है यह आम धारणा है, लेकिन यह भी पूरी तरह से बीमारी पैदा करने वाले कीटाणुओं को साफ नहीं कर सकती है।
आमतौर पर हम घर पर फिल्टर का इस्तेमाल कर पानी की सफाई कर लेते हैं, लेकिन अगर आपका फिल्टर पानी को साफ ही ना करे तो? कई बार फिल्टर वाला पानी भी प्रदूषित होता है। कुछ लोगों के घर में फिल्टर का इस्तेमाल होता भी नहीं है। ऐसे में सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (CDC) ने कुछ ऐसे तरीकों को बताया है जिनकी मदद से आप घर के पानी को साफ कर सकती हैं। ये आसान तरीके रोजाना इस्तेमाल किए जा सकते हैं।
सबसे आम और किफायती तरीका है उबला हुआ पानी पीना। आप पानी को उबालें और फिर उसे ठंडा कर इस्तेमाल करें। हालांकि, सीडीसी के मुताबिक उबले हुए पानी को प्लास्टिक की बोतल में भरकर नहीं इस्तेमाल करना चाहिए। इसके लिए कांच, स्टील, कॉपर, मिट्टी जैसी वस्तुओं की बोतलें ज्यादा लाभकारी होती हैं। अगर आप पानी उबालने के बाद प्लास्टिक की बोतल में इसे डाल देंगी, तो उसके फिर से दूषित होने का खतरा होता है।

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इसके लिए वाटर क्लीनिंग ब्लीच और पानी की सफाई करने वाली टैबलेट्स का इस्तेमाल किया जा सकता है। इन चीजों का इस्तेमाल पानी की टंकी, तालाब आदि की सफाई के लिए भी किया जाता है। इनमें एडिबल केमिकल्स होते हैं जिन्हें मानव शरीर के लिए सुरक्षित माना जा सकता है। आप इन टैबलेट्स को आसानी से ऑनलाइन या फिर कॉमन मेडिकल या जनरल स्टोर्स से खरीद सकती हैं। इन्हें इस्तेमाल करने के बाद कम से कम 2 घंटे तक पानी को ऐसे ही छोड़ देना चाहिए। अगर टंकी में डाल रही हैं, तो कुछ घंटों तक पानी को छोड़ दें।
ब्लीच के साथ भी यही होता है। हालांकि, घरों में वाटर क्लीनिंग ब्लीच इस्तेमाल करना सही नहीं है। ब्लीच को इस्तेमाल करते समय बहुत ध्यान रखें। अलग-अलग कंपनियों के ब्लीच इस्तेमाल करने का अलग अनुपात होता है। तय लिमिट से ज्यादा ब्लीच का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

आप अपने घर में RO फिल्टर ना भी लगा पाएं तो भी आप पोर्टेबल फिल्टर खरीद सकती हैं। यह फिटकरी से पानी फिल्टर करने की तुलना में ज्यादा किफायती और सुविधाजनक होगा। सीडीसी के मुताबिक पोर्टेबल फिल्टर ऐसा चुनना चाहिए जिसमें पोर साइज छोटा हो। इससे पैरासाइट्स को हटाने में सुविधा होती है। पोर्टेबल फिल्टर के साथ समस्या यह है कि इनके जरिए कुछ वायरस और बैक्टीरिया रह जाते हैं। आपके इलाके का पानी कितना दूषित है उसके हिसाब से ही पोर्टेबल फिल्टर चुनना चाहिए। पोर्टेबल फिल्टर इस्तेमाल करने के बाद कोई डिसइन्फेक्टेंट भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
तकनीक ने बहुत तरक्की कर ली है और फिल्टर भी बहुत तरह का इस्तेमाल होने लगा है। आपको मार्केट में यूवी लाइट वाटर प्यूरीफायर मिल जाएंगे। ये अल्ट्रावायलेट किरणों की मदद से पानी की सफाई में मदद करते हैं। ऐसे कई पोर्टेबल यूनिट्स होते हैं जो यूवी लाइट्स की मदद से पानी की सफाई करते हैं और जर्म्स को खत्म करते हैं। ऐसे यूनिट्स ट्रेडिशनल फिल्टर की तुलना में किफायती और कम जगह घेरने वाले होते हैं।
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आप चाहें तो धूप की मदद से भी पानी की सफाई कर सकती हैं। सोलर डिसइन्फेक्शन गंदे और मिट्टी वाले पानी में असरदार नहीं होगा। आप अपने पीने के पानी को कांच की बोतलों में भरकर धूप में रख सकती हैं। इसे कुछ घंटे छोड़ दीजिए। पानी के कीटाणु काफी हद तक मर जाएंगे। हां, अगर उसमें ई-कोली जैसा बैक्टीरिया मौजूद है, तो यह ज्यादा असरदार नहीं होगा।
ये सारी जानकारी CDC की रिपोर्ट से ली गई है। इन तरीकों को मानव इस्तेमाल के लिए शुद्ध माना गया है। आप अपने घर में पानी फिल्टर करने का कौन सा तरीका इस्तेमाल करती हैं? इसके बारे में हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
Image Credit: Freepik/ unsplash
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